वीडियो : बक्सर से गंगा का है गहरा नाता : गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी

कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष के दशमी तिथि को माँ गंगा जल की पहली बूंद धरती पर आई थी. उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. जो मनुष्य इस दिन प्रातः जग कर माँ गंगा को स्मरण कर उनसे कुछ मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती हैं. साथ ही इस दिन गंगास्नान करने से जाने अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है.


 






- कहा, सगर पुत्रों का उद्धार करने के लिए अवतरित हुई थी गंगा
- गंगा दशहरा के मौके पर आयोजित हुई भव्य गंगा आरती

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गंगा दशहरा के मौके पर सदर प्रखंड क्षेत्र के कमरपुर पंचायत अंतर्गत कम्हरिया गंगा घाट के समीप स्थित गंगा धाम जीयर मठ के मठाधीश गंगापुत्र श्री लक्ष्मीनारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के द्वारा माँ गंगा का विशेष पूजा अर्चना एवं आरती की गई. इस दौरान गंगा आरती में शामिल होने के लिए सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु गंगा घाट पर पहुँचे हुए थे. सभी ने भक्ति भाव से मां गंगा की आराधना की.


मौके पर गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के द्वारा जीयर मठ के अंदर लक्ष्मी नारायण एवं भगवान श्रीकृष्ण का विधिवत पूजन किया गया. इस दौरान द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर प्रतिमा को नौका विहार कराया गया. जहां उपस्थित भक्त भगवान के रूप को देख मन ही मन धन्य हो रहे थे. श्रद्धालुओं की द्वारा जयकार से वातावरण भक्तिमय हो गया. संध्या तकरीबन छह बजे गंगा आरती शुरु की गई. जहाँ पुरूष, महिला एवं बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. 

गंगा पुत्र महाराज ने कहा कि गंगा दशहरा के दिन ही माँ गंगा का अवतरण हुआ था. सगर पुत्रों का उद्धार करने के लिए ब्रह्मा जी के कमंडल से माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई थी जिसको लेकर उनके इस अवतरण दिवस को गंगा दशहरा पर्व के रूप में सनातन धर्म के लोग सदियों से मनाते आ रहे हैं. स्वामी जी महाराज ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष के दशमी तिथि को माँ गंगा जल की पहली बूंद धरती पर आई थी. उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. जो मनुष्य इस दिन प्रातः जग कर माँ गंगा को स्मरण कर उनसे कुछ मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती हैं. साथ ही इस दिन गंगास्नान करने से जाने अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है.

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