स्वयं नशा छोड़ कर बन सकते हैं उदाहरण : न्यायाधीश

कहा कि आज इस समय के दौर में स्वम नशा ना कर, दूसरे को नशा ना करने की प्रेरणा देना है. खुद नशा न कर आप सबसे बड़ा उदाहरण अपने समाज एवं अपने परिवार के बीच प्रस्तुत कर सकते हैं. आज के दौर में युवा, अल्पविकसित बच्चे, बूढ़े अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें काफी तनाव में रहना पड़ता है. इसी तनाव को दूर करने के लिए वह नशा के तरफ अपने कदम बढ़ा देते है. 





- नशा मुक्ति दिवस पर विधिक सेवा प्राधिकार में आयोजित हुआ कार्यक्रम
- शांति नगर इलाके में भी लोगों को किया गया जागरूक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार नशा मुक्ति दिवस पर व्यवहार न्यायालय में स्थित विधिक सेवा सदन के जिला प्राधिकार एवं शांति नगर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन  किया गया. मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह- सचिव, धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने उपस्थित पैनल अधिवक्ताओं, पारा विधिक स्वयंसेवकों एवं कार्यालय कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस समय के दौर में स्वम नशा ना कर, दूसरे को नशा ना करने की प्रेरणा देना है. खुद नशा न कर आप सबसे बड़ा उदाहरण अपने समाज एवं अपने परिवार के बीच प्रस्तुत कर सकते हैं. आज के दौर में युवा, अल्पविकसित बच्चे, बूढ़े अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें काफी तनाव में रहना पड़ता है. इसी तनाव को दूर करने के लिए वह नशा के तरफ अपने कदम बढ़ा देते है. 


इस दिन को हमलोग हर साल 26 जून को विश्व स्तर पर "नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस" या "विश्व ड्रग दिवस" के रूप में मनाते है. यह दिन दुनिया को नशीली दवाओं से मुक्त करने के लिए किए जा रहे कार्यों और सहयोग के विभिन्न प्रयासों का प्रतीक है. आपको बता दें कि विश्व ड्रग दिवस की शुरुआत 26 जून 1989 को हुई. जबकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के उत्सव को 7 दिसंबर, 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव 42/112 के तहत पारित किया गया था. वर्तमान स्थिति में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और विश्व स्तर पर इस बुराई से लड़ने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. इस पर विचार विमर्श करने  कि जरुरत  है.

वर्ष 2022 का विषय है: "स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान" ये विषय दुनिया की वर्तमान स्थिति की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए तय किया गया है. जो मानव के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही विनाशकारी है. 

मौके पर पैनल अधिवक्ता आनंद रंजना, कुमारी अरुणिमा, नीलम, चंद्रकला वर्मा, रवि प्रकाश, तेज प्रताप सिंह, विद्यासागर तिवारी आदि पारा विधिक स्वयंसेवक अविनाश, विवेक, दीपक, विकेश सिंह, गजेंद्र नाथ दुबे, मधुश्री, रुकैया, अंशु देवी आदि, कार्यालय कर्मी दीपेश, संजीव, सुमित, सुनील, मनोज आदि मौजूद रहे.


















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