वीडियो : मानसून की दगाबाजी से 1967 के सूखे जैसे बने हालात, नहरों का अवरोध हटाए प्रशासन : अनिल त्रिवेदी

साथ नहर लाइन के साथ-साथ बड़ी नहर में भी कई जगह अवरोध पैदा कर दिया गया है, जिसके कारण नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में कृषि कार्य पूरी तरह से चौपट हो चुका है. छोटे किसान तरफ जहां डीजल की महंगाई से त्रस्त हैं तो बड़े किसान खेती की शुरुआत भी नहीं कर सके हैं.




- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बताई किसानों की व्यथा
- कहा, नहरों में पानी का प्रबंध करें प्रशासन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : रोहिणी नक्षत्र वर्षा नहीं होने के कारण अब तक रोपनी नहीं हो सकी है. धान के बिचड़े सूख रहे हैं, जो स्थिति बनी हुई है उसे देख कर कलेजा फट रहा है. यह स्थिति 1967 के सूखे की याद दिला रही है. यह कहना है वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनिल कुमार त्रिवेदी का. 


उन्होंने कहा कि मौसम की बेरुखी के साथ-साथ प्रशासनिक उदासीनता भी किसानों को परेशान कर रही है. साथ नहर लाइन के साथ-साथ बड़ी नहर में भी कई जगह अवरोध पैदा कर दिया गया है, जिसके कारण नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में कृषि कार्य पूरी तरह से चौपट हो चुका है. छोटे किसान तरफ जहां डीजल की महंगाई से त्रस्त हैं तो बड़े किसान खेती की शुरुआत भी नहीं कर सके हैं.

वरिष्ठ नेता ने जिला पदाधिकारी अमन समीर तथा अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा से यह आग्रह किया है कि वह स्वयं नहर का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि उस में कहीं भी अवरोध ना हो और अंतिम छोर तक पानी पहुंच सके. ऐसा नहीं करने पर स्थिति और भी भयावह हो जाएगी.

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