विद्वत परिषद ने बक्सर पर शुरु किया शोध कार्य ..

उन्होंने शोध कार्य के लिए पुस्तकें व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि हर तरह की साहित्यिक व सांस्कृतिक आयोजन के लिए लाइब्रेरी का दरवाजा खुला है. निर्णय हुआ कि प्रत्येंक रविवार को सुबह 11 बजे परिषद् की बैठक तत्पश्चात कवि सम्मलेन या कविता पाठ का आयोजन होगा. 








- गजेटियर के समय को आधार मान कर होगा शोध - महासचिव 

- हर हफ्ते होगी साप्ताहिक बैठक, बैठक मे एकत्रित सामग्रियों पर होगी अध्ययन और प्रमाणिकता की  जांच 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : विद्वत परिषद की बैठक रविवार को शहर के स्टेशन रोड स्थित ज्योति प्रकाश पुस्तकालय में सम्पन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता शहर के विद्वान अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने की. उन्होंने कहा कि जिला का गठन हुए 32 साल हो गए लेकिन, आज तक इसका अपना गजेटियर बने इसके लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए. उन्होंने इसके लिए प्रयास करने की अपील की.

परिषद के संरक्षक पर्यावरणविद निलय उपाध्याय के देख रेख में उनके निर्देशों का अक्षरशः पालन करते  हुए बक्सर के इतिहास को संग्रहित कर उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए दर्ज करने का संकल्प लिया. सभा का संचालन मंगलेश तिवारी ने किया, उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष शाहाबाद का 1906 वाला गजेटियर है जिसमें बक्सर का भी जिक्र है. यह एक ऐसा प्रमाण है जहां से हम बक्सर के अतीत और वर्तमान को देख सकते हैं. इसी के समय को आधार बनाकर हमें शोध कार्य करने हैं. वहीं,निलय उपाध्याय ने कहा कि हमे सिर्फ काम भर ही बातें करनी है, भाषणबाजी में समय न गंवाकर इतिहास के बिखरे पन्नों और उसके प्रमाण को जुटाने का काम इस पारिषद का है. 


इस मौके पर उपस्थित साहित्यकारों में पवन नंदन ने हनुमान जी के संदर्भ मे बक्सर पर रचनात्मक कार्य का बीड़ा उठाया. वहीं लेखक व कवि संजीव तिवारी ने कहा कि हम अपने कार्यों की एक सूची बना लें और फिर उसकी चर्चा बैठक मे कर उसपर कार्य प्रारम्भ करें. अधिवक्ता और साहित्यकार शशि भूषण मिश्रा ने कहा वे बक्सर की ऐतिहासिक, संस्कृतिक और लोक कथा से जुड़ी सामग्रियों को चिह्नित कर अगली बैठक मे लाने का निर्णय लिया जाएगा. 

मौके पर दिवंगत कामरेड ज्योति प्रकाश के पुत्र सह लाइब्रेरी के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यधर्मी अल्योशा प्रकाश भी मौजूद रहे. उन्होंने बक्सर विद्वत परिषद् के कार्यों की सराहना करते हुए इसके शोध अध्ययन व मीटिंग के लिए लाइब्रेरी के सहर्ष इस्तेमाल की अनुमति दी. उन्होंने शोध कार्य के लिए पुस्तकें व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि हर तरह की साहित्यिक व सांस्कृतिक आयोजन के लिए लाइब्रेरी का दरवाजा खुला है. निर्णय हुआ कि प्रत्येंक रविवार को सुबह 11 बजे परिषद् की बैठक तत्पश्चात कवि सम्मलेन या कविता पाठ का आयोजन होगा. 

मौक़े पर कार्यकारणी का भी गठन किया गया जिसमे संरक्षक निलय उपाध्याय, अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद वर्मा, महासचिव मंगलेश तिवारी, उपाध्यक्ष शिव बहादुर पांडे प्रीतम, अतुल मोहन प्रसाद, संयुक्त सचिव शशिभूषण मिश्र, संगठन सचिव रामेश्वर नाथ मिश्र बिहान, प्रसार प्रचार सचिव आलोक कुमार के अलाव सदस्य में महेंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश केशरी पवन्नंदन, अरुण मोहन भारवी, प्रभंजन भारद्वाज, वरिष्ठ पत्रकार शिवजी पाठक, ओंकारनाथ मिश्रा, गिरधारी अग्रवाल, रविशंकर श्रीवास्तव के अलावे मीडिया प्रभारी ओम प्रकाश पांडेय शामिल है.
















Post a Comment

0 Comments