उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसके आलोक में उच्च न्यायालय के द्वारा रेलवे के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को संयुक्त रूप से यह निर्देश दिया गया था कि वह जल निकासी का उचित प्रबंध करें एवं उन्हें इस बात की सूचना दें.
- जनहित याचिका के आलोक में न्यायालय ने दिया था आदेश, नहीं हो सका अनुपालन
- सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा न्यायालय की अवमानना का परिवाद किया गया है दायर
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पांडेय पट्टी मोहल्ले से जल निकासी के लिए जहां पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी वहीं, जल निकासी का विशेष प्रबंध नहीं होने पर एक बार फिर न्यायालय में अवमानना का वाद दायर किया गया है. इसी बीच जिला पदाधिकारी अमन समीर ने यह कहा है कि पांडेय पट्टी से जल निकासी के लिए पिछले साल कच्चे नाले का निर्माण कराया गया था. एक बार फिर वह इस इलाके के लोगों की समस्या को दूर करने के लिए कच्चे नाले का निर्माण कराएंगे. साथ ही साथ उन्होंने इस संदर्भ में डीआरएम को भी पत्र लिखा है.
बता दें कि पांडेय पट्टी इलाके के लोग नालियों के जल की निकासी नहीं होने से खासे परेशान हैं. बरसात के बाद स्थिति और भी नारकीय हो जा रही है. ऐसे में पांडेय पट्टी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय तिवारी ने पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी, जिसके आलोक में उच्च न्यायालय के द्वारा रेलवे के अधिकारियों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को संयुक्त रूप से यह निर्देश दिया गया था कि वह जल निकासी का उचित प्रबंध करें एवं उन्हें इस बात की सूचना दें.
आनन-फानन में कच्चा नाला तो खुदवाया गया लेकिन, जल निकासी का कोई प्रबंध नहीं हो सका. ऐसे में इसे न्यायालय के आदेश की अवमानना मानते हुए हाई कोर्ट में पुनः परिवाद दायर किया गया है.
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