तेजी से बढ़ रहा जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक, दियारा इलाके में नौका से आवागमन ही विकल्प ..

दियारांचल में बसा श्रीकांत राय का डेरा पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. लोगों को गांव से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है. सारे रास्ते बंद हो गए हैं. ऐसे में दैनिक कार्य के लिए वह छोटी नावों के सहारे आवागमन कर रहे हैं. पशु चारे के लिए पशुपालक भी परेशान हैं. बताया यह भी जा रहा है कि दर्जनों स्थानों पर तटबंध असुरक्षित स्थिति में है.





- एक हफ्ते तक यही स्थिति बने रहने की आशंका, सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद
- प्रशासन ने कहा, पूरी मुस्तैदी के साथ हर स्थिति से निबटने की तैयारी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : गंगा के जलस्तर एक बार फिर नए सिरे से वृद्धि जारी है. यमुना के पानी से गंगा में दबाव बना है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बने रहने की आशंका जताई जा रही है. उधर दियारा वासियों का कहना है कि यदि जलस्तर में वृद्धि की यही स्थिति अगले 48 घंटों तक बनी रही तो स्थिति और  भी खराब हो जाएगी. केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की सुबह 7 बजे गंगा का जलस्तर 59. 80 दर्ज किया गया. जो कि चेतावनी बिंदु से 48 सेंटीमीटर ऊपर तथा खतरे के निशान से महज 52 सेंटीमीटर नीचे है. वृद्धि की रफ्तार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटा है.




गंगा के दियारा इलाके में बसे श्रीकांत राय के डेरा, बेनी लाल के डेरा, टेकमन के डेरा, ललन सिंह के डेरा, सूचित के डेरा, बिगु के डेरा, गर्जन पाठक के डेरा, तिलक राय हाता, भिक्षु के डेरा आदि गांवों के लोग बाढ़ की विभीषिका को लेकर सशंकित है. ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार को काफी तेज गति से पानी बढ़ा है तथा शुक्रवार की सुबह से गंगौली ढाला होते हुए पश्चिम दिशा के मैदानी भागों में जाने लगा है. लोग भी सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं.



उधर कोइलवर तटबंध के किनारे बसे बसे उमरपुर और केशवपुर तक गंगा का जल तटबंध तक पहुंच गया है और कमल राय के बगीचा होते हुए पूरब की तरफ बढ़ रहा है. दियारांचल में बसा श्रीकांत राय का डेरा पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. लोगों को गांव से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है. सारे रास्ते बंद हो गए हैं. ऐसे में दैनिक कार्य के लिए वह छोटी नावों के सहारे आवागमन कर रहे हैं. पशु चारे के लिए पशुपालक भी परेशान हैं. बताया यह भी जा रहा है कि दर्जनों स्थानों पर तटबंध असुरक्षित स्थिति में है. ऐसे में यदि दबाव बढ़ा तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती. 



उधर गंगा की सहायक नदियां ठोरा और कर्मनाशा नदी में पानी का दबाव बढ़ने से खेत-खलिहान डूबने शुरू हो गए हैं. सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं. वही सिकरौल गांव के रास्ते पर पानी चढ़ चुका है. बनारपुर, रोहिणीभान, रामपुर में भी लोक भयाक्रांत हो चुके हैं.

उधर प्रशासन भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्षों को स्थिति पर नजर बनाए रखने तथा राहत एवं बचाव के तमाम कार्य करते रहने का निर्देश दिया गया है. आश्रय स्थल आदि चिह्नित किए गए हैं, जहां बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को रखा जाएगा.



















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