वीडियो : महंगाई, बेरोजगारी व अग्निपथ को लेकर सड़क पर उतरा महागठबंधन, राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग ..

बाढ़ और सूखा बिहार की नियति बन गई है. जल संसाधन से समृद्ध राज्य में पिछले 17 साल से विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा-जदयू सरकार इस मामले में एक सुसंगत नीति तक नहीं बना सकी. गंगा का पानी पितरों के तर्पण के लिए 100 किलोमीटर दूर गया पहुंचाने की योजना सरकार के पास है, लेकिन खेतों में पानी पहुंचाने की योजना नहीं है.





- किला मैदान से निकला महागठबंधन का विशाल जुलूस 
- राजद, कांग्रेस तथा वाम दलों के नेता रहे जूलूस में शमिल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : देश में बढ़ती महंगाई भ्रष्टाचार तथा अग्निपथ जैसी स्कीम लाने के विरोध में महागठबंधन के सभी दलों के द्वारा एक विशाल जुलूस नगर के किला मैदान से निकाला गया जो कि नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए पुनः किला मैदान में पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गया जुलूस का नेतृत्व राजद जिला अध्यक्ष शेषनाथ सिंह, भाकपा-माले सचिव नवीन कुमार, भाकपा के जिला सचिव बालक दास, पूर्व सांसद तेज नारायण सिंह , माले के डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह, ब्रह्मपुर विधायक शंभू नाथ यादव, राजपुर विधायक विश्वनाथ राम ने जुलूस का नेतृत्व किया.इसके अतिरिक्त महागठबंधन के जिला/प्रखंड स्तरीय नेताओं, कार्यकर्त्ताओं ने हजारों की संख्या में महंगाई, बुलडोजर राज के खिलाफ जुलूस निकाला.


वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि बेहद कम बारिश के कारण सूबे के किसान हलकान हैं. खेतों में धान के बिचड़े सूख रहे हैं. पूरे राज्य में सूखे की स्थिति बनी हुई है. समय निकल रहा है, लेकिन न तो पर्याप्त बारिश हो रही है और न ही नहरों में पानी है. सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं. सरकार के पास इससे निपटने की कोई योजना नहीं है. बाढ़ और सूखा बिहार की नियति बन गई है. जल संसाधन से समृद्ध राज्य में पिछले 17 साल से विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा-जदयू सरकार इस मामले में एक सुसंगत नीति तक नहीं बना सकी. गंगा का पानी पितरों के तर्पण के लिए 100 किलोमीटर दूर गया पहुंचाने की योजना सरकार के पास है, लेकिन खेतों में पानी पहुंचाने की योजना नहीं है.

केवल जल संसाधन का मैनेजमेंट असफल नहीं है. विगत 17 वर्षों के शासन में मानव विकास सूचकांक के सभी पैमानों पर राज्य की स्थिति बद से बदतर हुई है. सरकार के लंबे-चौड़े दावों के विपरीत राज्य की 51.9 प्रतिशत जनसंख्या अब भी गरीब है. अफसरों की लूट और संस्थागत भ्रष्टाचार हर रोज नए रिकार्ड बना रहे हैं. विश्वविद्यालयों के सत्र बेपटरी हैं. शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं. दूसरी ओर, माॅब लिंचिंग, अपराध, दलितों-महिलाओं-अल्पसंख्यकों पर हिंसा, दलित-गरीबों की जमीन से बेदखली, जहरीली शराब के जरिए जनसंहार, पलायन आदि - आज के बिहार का यही सच है. अब तो गरीबी और कर्ज के दबाव में आत्महत्या की प्रवृतियां भी खतरनाक रूप से बढ़ रही हैं. बुलडोजर की हनक बिहार के लिए भी आम हो गई है. राजधानी पटना में हाल ही में लोगों के घर ढाह दिए गए. ग्रामीण इलाकों में बरसो से बसे ग्रामीण गरीबों के घरों को हर रोज कहीं न कहीं निशाना बनाया जा रहा है.

केंद्र सरकार ने तो आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. गैस सिलिंडर का दाम 1100 रु. से ऊपर पहुंच गया है. किताबों पर भी जीएसटी लगा दिया गया है. आजादी के 75 वर्षों में पहली बार अनाजों और अन्य खाद्य पदार्थों – चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी, दही, छाछ, लस्सी आदि पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है. एक ओर महंगाई की मार है, तो दूसरी ओर सेना में भी अब ठेका का कारोबार है. सेना में अब महज 4 साल की बहाली होगी. यह देश की सुरक्षा और बेरोजगारों के जीवन से खिलवाड़ है.  छात्र-युवाओं ने जब इसका विरोध किया, तब उनपर बर्बर दमन ढाया गया. सैकड़ो युवाओं को जेल में डाल दिया गया है.

जनता के जीने-खाने-बोलने के हक को कुचल देने पर आमादा केंद्र सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों व मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनता की खबर दिखलाने वाले पत्रकारों, फिल्मकारों आदि को भी निशाना बना रही है. तानाशाही व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उपजे जनाक्रोश को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए कमजोर करने  की साजिशें रची जाने लगी हैं. इसके लिए वे मुसलमानों के आतंकवाद का हौवा खड़ा कर रहे हैं. उत्तर-पूर्वी भारत में मुस्लिम राजनीति व संस्कृति के एक महत्वपूर्ण केंद्र फुलवारीशरीफ को आतंकवाद का गढ़ बताकर आज पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम किया जा रहा है. इसपर मुसलमानों के रहनुमा होने का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली है. भाजपा अपने मिशन 2024 में जुट गई है. मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाकर वह देश की सत्ता पर फिर से कब्जा कर लेने की फिराक में है. वे हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं.

वक्ताओं ने कहा कि सरकारों की इस साजिश को बेनकाब करना होगा और जनता के बुनियादी सवालों पर लड़ाई को तेज करना होगा. 5 जून को पटना में आयोजित महागठबंधन के कार्यकर्ता सम्मेलन से हमने देश में अघोषित तानाशाही व लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन के खिलाफ जनसवालों पर चरणबद्ध आंदोलन का संकल्प  था. आज वो हमने सफल किया है.

इस प्रदर्शन के दौरान राजद के अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष संतोष भारती, पप्पू यादव, बच्चा यादव, राजू यादव, रंजना आनंद, दीपक यादव, मोहीत यादव माले के जग नारायण शर्मा, जितेंद्र राम, धर्मेंद्र यादव, धनजी पासवान, सुकर राम, संजय शर्मा, नीरज यादव सीपीआई के नगेंद्र सिंह, ओमप्रकाश सिंह, बबलू राज कांग्रेस के उमा शंकर पांडेय, पप्पू पांडेय सहित हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे.

वीडियो : 





















Post a Comment

0 Comments