वीडियो : सावन महोत्सव का आयोजन, सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को सफल बनाने व पौधरोपण का संकल्प ..

कहा कि सावन हरियाली का प्रतीक होता है. खेत-खलिहान अन्नदाता की खुशहाली का प्रतीक होता है. यह महीना सुहागिनों के सोलह श्रृंगार का महीना है.जो कि धर्म शास्त्रों में भी वर्णित है. आयोजन में पदाधिकारी, साधारण  कार्यकर्ता भी एक रूप, रंग में दिखे जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति का घोतक रहा.




- नगर के ज्योति प्रकाश चौक के समीप हुआ था आयोजन
- नप की पूर्व चेयरमैन डॉ मीना सिंह ने कहा, सावन मिलन महोत्सव एकता का प्रतीक 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मित्रता दिवस पर भारत ज्ञान विज्ञान समिति, बक्सर के द्वारा आयोजित सावन मिलन महोत्सव  बहुत ही उमंग, खुशी और उल्लास के साथ मनाया गया. कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने हरी साड़ियों व श्रृंगार के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. आयोजन के दौरान मेहंदी रचाने, गीत-नृत्य, म्यूजिकल चेयर, भाषण, अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. मौके पर मौजूद महिलाओं ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को सफल बनाकर पर्यावरण संरक्षक की बात कही साथ ही यह कहा कि वह जल्द ही पौधरोपण अभियान की शुरुआत कर सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान में सहयोगी बनेंगी.




कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ मीना सिंह ने इस आयोजन के महत्व, एकता और भाईचारे को रेखांकित किया. पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि यह सिर्फ आधी आबादी तक ही सीमित नहीं है. बल्कि समाज को जोड़ने हेतु इस तरह के आयोजन होते हैं. इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल होते रहे हैं.


नगर के ज्योति प्रकाश चौक के समीप एक निजी सभागार में आयोजित कार्यक्रम का प्रारंभ ईश्वर वंदना के साथ हुआ. तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र, माला और बुके प्रदान करते हुए हुआ. सम्मानित अतिथियों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता कुमारी, एलबीटी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निभा राय, महिला थाने से ज्योति पांडेय बाल संरक्षण इकाई की सदस्य योगिता सिंह, जदयू महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष लता श्रीवास्तव को बजी सम्मानित किया गया.

प्राचार्य डॉ निभा राय ने ऐसे आयोजन को समय-समय पर करने हेतु प्रेरित किया जबकि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता  कुमारी ने शिक्षिकाओं द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रम को सामाजिक एकता का घोतक बताया. योगिता सिंह, ज्योति पांडेय, लता श्रीवास्तव ने भी अपने अपने सुझाव दिए. 

वक्ताओं ने कहा कि सावन हरियाली का प्रतीक होता है. खेत-खलिहान अन्नदाता की खुशहाली का प्रतीक होता है. यह महीना सुहागिनों के सोलह श्रृंगार का महीना है.जो कि धर्म शास्त्रों में भी वर्णित है. आयोजन में पदाधिकारी, साधारण  कार्यकर्ता भी एक रूप, रंग में दिखे जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति का घोतक रहा.

कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ पम्मी राय, अनीता यादव तथा सावित्री सिंह ने संयुक्त रूप से किया. ज्ञान विज्ञान समिति बक्सर के पदाधिकारी भी कार्यकर्ता के रूप में मौजूद रहे. आयोजन को सफल बनाने में अंशु कुमारी, सिम्मी रायय, उर्मिला कुमारी, कविता कुमारी, शमा परवीन, खुशबू तिवारी, पूजा तिवारी, सारिका चौधरी, पुष्पा गुप्ता, मधु कुमारी, ममता कुमारी, श्वेता श्रीवास्तव, सुनीता  यादव, प्रियंवदा प्रिया, रंजना कुमारी, निशा रानी, सरोज देवी, रूपा कुमारी, बबीता जी, प्रतिमा,मीना विश्वकर्मा, उषा मिश्रा, सुनीता, प्रियंका, वंदना ,अंजू, बबीता ,इंदु, ज्योति, पूजा, संजू इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका रही. कार्यक्रम के अंत धन्यवाद ज्ञापन अनीता यादव ने किया.

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