रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से नाराज ग्रामीणों ने पांच सूत्री मांगों के साथ दिया धरना ..

कहा कि हमें राजधानी या दुरंतो एक्सप्रेस नहीं चाहिए. हमें तो बस अपनी पुरानी 6 ट्रेनें में जो कोरोना काल में बंद कर दी गई थी उनका पुनर्परिचालन चाहिए या फिर फरक्का एक्सप्रेस का पुनः ठहराव करने के साथ-साथ मगध, श्रमजीवी, गरीब रथ, जनशताब्दी और जनसाधारण एक्सप्रेस का ठहराव भी दे दिया जाए. 


- कोरोना काल में बंद ट्रेनों के ठहराव की मांग 
- फरक्का और श्रमजीवी एक्सप्रेस के ठहराव की भी मांग

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पिछले दिनों मुख्यमंत्री के द्वारा जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ रेलवे स्टेशन करने की घोषणा तथा इस बात की स्वीकृति रेल मंत्रालय के द्वारा दिए जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध जताना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम उसके ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व से जुड़ा हुआ है, जिसे हटाना कतई उचित नहीं है. इस मांग के साथ-साथ अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर पिछले 17 अगस्त को ग्राम रक्षा समिति ने धरना दिया था, जिस पर दानापुर रेल मंडल प्रबंधक ने मांगों को पूरा करने का मौखिक आश्वासन दिया था, मगर तकरीबन 20 दिनों के नियत समय के अंदर कोई संतोषजनक लिखित आश्वासन नहीं मिला. ऐसे में पुनः 11 सितंबर को समिति ने शांतिपूर्ण धरना देते हुए रेलवे स्टेशन प्रबंधक के माध्यम से रेल मंडल प्रबंधक को पत्र सौंपा जिसमें रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को अविलंब वापस लिए, जाने कोरोना काल में निरस्त की गई ट्रेनों का पुनः परिचालन, फरक्का एक्सप्रेस का ठहराव फिर से किए जाने, प्लेटफार्म संख्या 1 से लेकर 4 तक ओवरब्रिज का निर्माण किए जाने, रिजर्वेशन काउंटर एवं सामान्य टिकट काउंटर को अलग किए जाने, रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करने की मांग शामिल है.




उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों के आलोक में 20 दिनों के अंदर संतोषजनक निर्णय नहीं लिया गया तो इस बार ग्राम रक्षा समिति शांतिपूर्ण धरना के स्थान पर अनशन या उग्र प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएगी. समिति के अध्यक्ष सर्वेश सिंह ने कहा कि प्रशासन का रुख अव्यवहारिक और जनता की आवाज को दबाने वाला था. ऐसे में प्रशासन को यह समझना ही होगा कि वह जनता को डरा नहीं सकती है. सचिव शैलेश कुमार ओझा ने कहा कि हम अपनी जायज मांगों को लेकर तब तक आंदोलन करते रहेंगे जब तक की मांगे मान ली नहीं जाती. 

उन्होंने कहा कि हमें राजधानी या दुरंतो एक्सप्रेस नहीं चाहिए. हमें तो बस अपनी पुरानी 6 ट्रेनें में जो कोरोना काल में बंद कर दी गई थी उनका पुनर्परिचालन चाहिए या फिर फरक्का एक्सप्रेस का पुनः ठहराव करने के साथ-साथ मगध, श्रमजीवी, गरीब रथ, जनशताब्दी और जनसाधारण एक्सप्रेस का ठहराव भी दे दिया जाए. 

सचिव ने कहा कि पहले रघुनाथपुर से वाराणसी पटना अमृतसर दिल्ली कोलकाता सहित सभी बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन थी मगर अब सरकारी हॉस्पिटल में किसी मरीज या गर्भवती महिला को रात्रि के समय कहीं रेफर कर दिया तो उसे पटना से वाराणसी के लिए भी ट्रेन उपलब्ध नहीं होगी. निश्चय ही यह गंभीर विषय है और इस पर मंडल रेल प्रबंधक को सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए.















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