वीडियो : खुद को जज बता टिकट दलाल की पैरवी कर रहे थे बाल कल्याण समिति के लोग, डीएम के समक्ष आया मामला ..

आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने वरीय पदाधिकारियों को इस संदर्भ में सूचना दी है साथ ही साथ जिला पदाधिकारी अमन समीर को भी इस घटना से अवगत कराया है. डीएम ने भी मामले को गंभीर बताते हुए यह कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. शीघ्र ही इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.




- टिकट दलाल की पैरवी कर रहे थे बाल कल्याण समिति सदस्य
- आरपीएफ कमांडेंट ने मामले से डीएम को कराया अवगत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु गठित बाल संरक्षण इकाई के अध्यक्ष व सदस्यों के द्वारा खुद को न्यायिक पदाधिकारी बताकर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी पर धौंस जमाते हुए टिकट दलाल को छोड़ देने की पैरवी करने का एक मामला सामने आया है. मामले में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने वरीय पदाधिकारियों को इस संदर्भ में सूचना दी है साथ ही साथ जिला पदाधिकारी अमन समीर को भी इस घटना से अवगत कराया है. डीएम ने भी मामले को गंभीर बताते हुए यह कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. शीघ्र ही इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.



दरअसल, पिछले दिनों एक टिकट दलाल आरपीएफ के हत्थे चढ़ा था, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही थी, तब तक बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह ने खुद को न्यायिक पदाधिकारी बताते हुए पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार को निर्देशित किया कि वह टिकट दलाल को छोड़ दें. उन्होंने यह कहा कि पकड़ा गया टिकट दलाल राजेश कुमार उनके यहां के कर्मी राघवेंद्र  कुमार का परिचित है. दलाल ने भी यह बताया कि उसके यहां से बरामद किए गए टिकट बाल कल्याण समिति के सदस्यों के हैं.

दलाल को छोड़ने से किया मना कमांडेंट से कर दी शिकायत :

जब आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने ऐसा करने से मना किया तो सदस्यों ने आरपीएफ कमांडेंट प्रकाश कुमार पांडा को पत्राचार करते हुए यह आरोप लगाया कि पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार के द्वारा पिछले दिनों कुछ बच्चों को रेस्क्यू कर चाइल्डलाइन के हवाले किया गया था वह बच्चे जब बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंचे तो उन्होंने बताया कि आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने उनके साथ मारपीट की है. ऐसे में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए.

आरपीएफ पोस्ट प्रभारी से हुआ था शो-कॉज :

कमांडेंट ने इस संदर्भ में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी से स्पष्टीकरण की मांग की, जिस पर आरपीएफ पोस्ट प्रभारी ने कमांडेंट को स्पष्ट रूप से यह बता दिया कि किस प्रकार टिकट दलाल को नहीं छोड़े जाने पर दुर्भावना से ग्रसित होकर इस तरह का कदम उठाया गया है. बाद में कमांडेंट के स्तर से डीएम को भी इस मामले से अवगत कराया गया.

अक्सर मिलती है अधिकारों के दुरुपयोग की सूचना :

बता दें कि जिले में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बाल कल्याण समिति का निर्माण किया गया है. जिसके तीन सदस्यों की टीम अध्यक्ष के नेतृत्व में सदैव बाल हित में कार्य करती है लेकिन, अक्सर ऐसी सूचना भी मिलती है कि इनके द्वारा खुद को न्यायिक पदाधिकारी बताते हुए धौंस जमाई जाती रहती है. बहरहाल, इस मामले को लेकर जिला पदाधिकारी गंभीर हैं. 

कहते हैं जिला पदाधिकारी : 

इस तरह की शिकायत मिली है जिसकी जांच की जा रही है हालांकि, अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा हर तीन माह में की जाती है. अधिकारों के दुरुपयोग तथा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अमन समीर 
जिला पदाधिकारी

वीडियो : 
















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