इस बार गज सवारी कर आ रही माता, अति शुभ है कलश स्थापना का मुहूर्त ..

इस बार शारदीय नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे, जिसमें अलग अलग दिन मां भगवती के नौ रूपों की पूजन होगा. पांच अक्टूबर बुधवार को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा. इस वर्ष नवरात्र में क्षय नहीं होने से माता का पूजन पूरे नौ दिन तक किया जाएगा. 



- दिन भर होगी कलश स्थापना मगर दो मुहूर्त हैं अति शुभ
- माता का आगमन समृद्धि प्रदान करने वाला लेकिन, बढ़ेगी महंगाई


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मां भगवती की आराधना आ महापर्व शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं.  ईस बार माता रानी का आगमन और प्रस्थान हाथी (गज) से होगा. आश्विन शुक्ल पक्ष से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होकर चार अक्टूबर मंगलवार को महानवमी तक चलेंगे.आचार्य सर्वेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार नवरात्र में प्रथम पूजा अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि के साथ ब्रह्मयोग से युक्त होगी, जिसके चलते नवरात्र अतिशुभ मुहूर्त में शुरू होगा. इस शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर विधि-विधान से पूजन किया जाए तो हर तरह की समस्याओं से समाज को निदान मिलेगा. 

इस वर्ष प्रतिपदा तिथि की शुरुआत सोमवार 26 सितंबर को सुबह 3:22 बजे से हो रही है और 27 सितंबर सुबह 3:08 बजे तक रहेगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6:17 बजे से 10:19 बजे तक है, जिसमें 6:17 बजे से 7:55 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है. इसकी अवधि एक घंटा 38 मिनट है. मध्याह्न काल में अभिजीत मुहूर्त है जो दिन में 11:54 बजे से 12:42 बजे तक है. इसकी अवधि 48 मिनट है। इस वर्ष प्रतिपदा तिथि में चित्रा और वैधृति योग की व्याप्ति होने से 26 सितंबर को पूरे दिन कलश स्थापना की जाएगी.

जिले भर स्थापित हैं माता की प्रतिमाएं, बाजारों में नहीं है खास रौनक :

जिला मुख्यालय समेत जिले के सभी प्रखंडों में आकर्षक पंडाल बनाकर माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. कोरोना संक्रमण काल के बाद एक बार फिर इस बार शारदीय नवरात्र में कुछ चहल-पहल तो देखी जा रही है लेकिन, बारिश की बेरुखी से प्रभावित किसानी के कारण बाज़ार में कुछ खास बिकवाली नहीं है. व्यवसायी दौलत चंद गुप्ता का कहना है कि ग्राहक आ तो रहे हैं लेकिन, उनकी क्रय क्षमता कम हो गयी है.  


इस बार पूरे नौ दिन हैं नवरात्र : 

आचार्य पंडित सर्वेश चतुर्वेदी के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे, जिसमें अलग अलग दिन मां भगवती के नौ रूपों की पूजन होगा. पांच अक्टूबर बुधवार को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा. इस वर्ष नवरात्र में क्षय नहीं होने से माता का पूजन पूरे नौ दिन तक किया जाएगा. 

तिथि के अनुसार लगाएं भोग :

प्रतिपदा-गाय का घी द्वितीया-मिश्री तृतीया-गाय का दूध चतुर्थी-मालपुआ पंचमी-पका केला षष्ठी-मधु सप्तमी-गुड़ अष्टमी -नारियल नवमी-धान का लावा दशमी-काले तिल का लड्डू

पूरे नौ दिन बारिश होने की संभावना, 26 को येलो अलर्ट : 

प्रत्येक दिन अलग अलग देवी के स्वरूप की पूजा अर्चना होगी. इस वर्ष की नवरात्र में माता का आगमन गज से होने के कारण जल वर्षा का प्रभाव ज्यादा रहेगा. यानी बारिश ज्यादा होगी. मौसम विज्ञान विभाग ने भी आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. माना जा रहा है कि बारिश होने से कृषि के लिए उत्तम समय होगा. इस बार माता का आगमन अति शुभकारी है लेकिन, महंगाई में काफी वृद्धि हो सकती है.

माता के धरती पर अवतरित होने की है मान्यता : 

सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मांं दुर्गे नवरात्र के नौ दिन पृथ्वी पर अवतरित होती हैंं. नवरात्र में माता के नौ अलग अलग स्वरूपों की उपासना व्रत और साधना की जाती है.

पूजन में क्या-क्या करें : 

इस समय दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चहिए. माता के 108 नाम का जाप करना चाहिए इससे बाधा, रुकावट, रोगनाश, शत्रु पर विजय, विभिन्न तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है. कार्य में सफलता और पारिवारिक सुख शांति, समृद्धि की प्राप्ति होती है.











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