घरों के आसपास गंदा पानी ना जमा होने दें. साफ-सफाई को लेकर केवल नगर परिषद और मुखिया के भरोसे ना रहें और डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सकों से सलाह लेकर पेरासिटामोल ग्रहण करते हुए घर पर आराम कर स्वास्थ्य लाभ लेने की कोशिश करें.
- सिविल सर्जन ने लोगों को दी सतर्कता और बचाव की सलाह
- जिस गांव के रहने वाले युवक की हुई मौत, वहां अब तक नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डेंगू का कहर पूरे प्रदेश में जारी है. जिले के राजपुर प्रखंड मंगराव पंचायत के उतड़ी गांव में दीपक कुमार नामक एक 24 वर्षीय युवक की डेंगू से मौत होने की बात सामने आई है. ग्रामीणों का यह कहना है कि युवक पटना में रहकर पढ़ाई करता था वहां से दशहरा के पूर्व अपने गांव आया था. यहां बुखार होने पर वह स्थानीय चिकित्सकों से परामर्श और दवा लेकर काम चला रहा था. इसी बीच उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे कोचस ले जाया गया, जहां से फिर उसे वाराणसी रेफर किया गया. वाराणसी पहुंचने पर जांच के क्रम में यह ज्ञात हुआ कि उसे डेंगू है. इस आधार पर उसका इलाज शुरू किया गया लेकिन, उसकी मौत हो गई. जिसके बाद ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल कायम हो गया है. उनका कहना है कि यदि किसी मच्छर ने उक्त युवक को काटा हो और वही मच्छर किसी दूसरे को काट ले तो निश्चित रूप से डेंगू फैल सकता है इधर, स्वास्थ विभाग का कहना है कि युवक की मौत भले ही डेंगू से हुई हो और वह जिले का ही स्थायी निवासी हो लेकिन, वह पटना में रहता था जहां से उसे डेंगू हुआ और फिर उसका इलाज वाराणसी में किया गया. ऐसे में जिले में डेंगू से मौत कहना उचित नहीं है. दूसरी तरफ राजपुर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को भी डेंगू होने की बात सामने आई लेकिन, इस बात को भी सिविल सर्जन ने सिरे से खारिज कर दिया उनके मुताबिक जिले में अब तक डेंगू का एक भी मरीज नहीं है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या ग्रामीणों का डर नाजायज है? जब डेंगू से मौत की बात सामने आने के बावजूद उस गांव में बुधवार की देर शाम तक तक स्वास्थ्य विभाग की टीम जागरूकता का संदेश देने तक नहीं पहुंची तो क्या यह माना जाए कि डेंगू को लेकर सतर्कता बरतने के डीएम के निर्देश का सही में अनुपालन हो रहा है?
उपलब्ध है पर्याप्त किट, डेंगू होने पर बेड रेस्ट की सलाह :
सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नाथ का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग में पूरी तैयारी कर रखी है अस्पतालों में 12 सीट अमोल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है वहीं जांच के लिए किट भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर भिजवा दी गई है सिविल सर्जन का तो यह भी कहना है कि डेंगू होने का मतलब यह कतई नहीं हुआ कि आदमी की मौत ही हो जाएगी बशर्ते उसका इलाज किया जाए और उसे फुल बेड रेस्ट उपलब्ध कराया जाए उन्होंने कहा कि डेंगू के लक्षण सामने आने के बाद 12 सीट आमोल का ही प्रयोग किया जाना चाहिए इसके अतिरिक्त और कोई भी दवा डेंगू में कारगर नहीं होगी.
लक्षणों को पहचान कर शुरू करें इलाज ठीक हो जाएगा डेंगू :
सिविल सर्जन ने बताया डेंगू होने पर शरीर में दर्द तेज बुखार सिर दर्द तथा उल्टी जैसे लक्षण सामने आते हैं. इस बीमारी से बचाव के लिए यह आवश्यक है कि घर के आस-पास ठहरे हुए पानी को साफ किया जाए कहीं भी जलजमाव ना रहने दिया जाए इसके साथ ही मच्छरदानी एवं मच्छर भगाने वाली दवाओं अथवा क्रीम का भी प्रयोग किया जा सकता है. फिर भी यदि किसी को डेंगू हो जाए तो चिकित्सक की सलाह से वह पेरासिटामोल खाकर रोग से निजात पा सकता है.
बहरहाल, हम अपने पाठकों से यह अपील करते हैं कि डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उनका अनुपालन करें. घरों के आसपास गंदा पानी ना जमा होने दें. साफ-सफाई को लेकर केवल नगर परिषद और मुखिया के भरोसे ना रहें और डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सकों से सलाह लेकर पेरासिटामोल ग्रहण करते हुए घर पर आराम कर स्वास्थ्य लाभ लेने की कोशिश करें.
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