कहा कि केंद्र सरकार का जन विरोधी चेहरा पूर्व में ही बेनकाब हो चुका था वह जदयू पर निकाय चुनाव और आरक्षण का ठीकरा फोड़ रहे हैं जबकि पिछले 8 अगस्त तक गृह विभाग भाजपा के ही जिम्मे था. नेताओं ने कहा कि 2024 के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा.
- बक्सर में एक दिवसीय पोल खोल हल्ला बोल धरना किया गया था आयोजित
- वक्ताओं ने जमकर साधा केंद्र सरकार पर निशाना
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार की सत्ता से भाजपा के अलग होने के बाद भाजपा और जदयू एक दूसरे पर लगातार हमला बोल रहे हैं. भाजपा जहां पिछले दिनों लगातार यह कहती दिखाई दे रही थी कि बिहार में निकाय चुनाव रद्द होने के पीछे जदयू का हाथ है वहीं, अब जदयू भी इस बात का खुलकर जवाब दे रही है. दरअसल, बिहार में हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव को जबसे स्थगित कर दिया है तभी से दोनों दल एक दूसरे के निशाने पर हैं और दोनों ही एक दूसरे को आरक्षण विरोधी बताने में लगे हुए हैं. पिछले दिनों निकाय चुनाव रद्द होने के मुद्दे पर भाजपा के नेताओं के द्वारा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया गया था वही गुरुवार को जेडीयू शुक्रवार को बक्सर समेत बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में धरना पर बैठी रही. जेडीयू ने इसे आरक्षण विरोधी बीजेपी के खिलाफ पोल खोल हल्ला बोल अभियान का नाम दिया था. इस दौरान केंद्र सरकार की नाकामियों को उजागर करते हुए उसे उखाड़ फेंकने की बात कही गई.
जिला मुख्यालय में आयोजित धरना में जदयू के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे जिन्होंने जनता को संबोधित करते हुए जमकर भाजपा के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली उसे आरक्षण विरोधी बताया. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस तरीके का फंडा अपनाकर निकाय चुनाव को स्थगित कराने का काम किया है उससे साफ पता चलता है वह ना केवल आरक्षण विरोधी है बल्कि पिछड़ा और अति पिछड़ा का घोर विरोधी चेहरा है. पूर्व मंत्री संतोष निराला व वर्तमान जिलाध्यक्ष अशोक सिंह ने भी कहा कि केंद्र सरकार का जन विरोधी चेहरा पूर्व में ही बेनकाब हो चुका था वह जदयू पर निकाय चुनाव और आरक्षण का ठीकरा फोड़ रहे हैं जबकि पिछले 8 अगस्त तक गृह विभाग भाजपा के ही जिम्मे था. नेताओं ने कहा कि 2024 के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा.
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