खेल-खेल में बच्चा निगल गया बटन, जान पर बनी ..

उधर, बच्चे की हालत खराब होती जा रही थी, जिसके बाद उसे चौसा के ही आस्था अस्पताल नामक एक निजी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों के द्वारा तकरीबन 2 घंटे की मेहनत के पश्चात गले से जींस का बटन निकाला जा सका और बच्चे की जान बची.







- गले में फंसा हुआ था जींस का टूटा हुआ बटन
- 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निजी अस्पताल के चिकित्सक ने निकाला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले चौसा में एक चार साल के बच्चे के गले में जींस पैंट का बटन फंस गया. जिसके फंस जाने से अफरा-तफरी मच गई. बच्चे को आनन-फानन में चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उसके गले से बटन नहीं निकाला जा सका. एक्सरे के बाद यह देखा गया कि बटन गले में ही फंसा हुआ है. उधर, बच्चे की हालत खराब होती जा रही थी, जिसके बाद उसे चौसा के ही आस्था अस्पताल नामक एक निजी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों के द्वारा तकरीबन 2 घंटे की मेहनत के पश्चात गले से जींस का बटन निकाला जा सका और बच्चे की जान बची.




घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चौसा नरबतपुर गांव की है. जहां मुन्ना सोनार के चार वर्षीय नाती प्रिंस कुमार खेल-खेल में जीन्स का बड़ा बटाम अपने मुँह में ले कर निगल गया. बटन गले में जाकर फंस गया, जिसके बाद लड़का जोर जोर से खांसने लगा उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगीं. यह देख परिजनो के बीच अफरा-तफरी मच गई. पहले परिजनों ने स्वयं ही बटन निकालने का प्रयास किया लेकिन, बच्चे की हालत खराब होते देख उसे चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. आब वहां भी चिकित्सक बटन निकालने में असफल हुए तो ग्रामीण काजू मिश्रा द्वारा चौसा स्थित आस्था हॉस्पिटल लके जाया गया जहां चिकित्सक ने एक्सरे करा पहले बटन की स्थिति को देखा और कुछ घण्टो की मेहनत के बाद गले मे फंसे बटन को निकाल लिया गया. जिससे बच्चे की जान बची और लोगो ने राहत की सांस ली.

बटन निकालने वाले चिकित्सक डॉ वी के शर्मा ने बताया  कि खेलते वक्त बच्चों पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो कभी कभी ऐसी स्थिति जानलेवा हो सकती है. परिजन बच्चें को सही समय पर लेकर हमारे पास पहुंचे जिसे सफलता पूर्वक गले से बटन निकाल दिया गया. बच्चा चूंकि गरीब परिवार से था इसलिए उससे कोई शुल्क भी नही लिया गया.







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