कहना है कि बच्चे की मृत्यु चार दिन पूर्व ही हो गई थी लेकिन, चिकित्सक डॉ पी के पांडेय के द्वारा उन्हें गलत जानकारी दी गई. यह सब कुछ केवल पैसे के लिए किया गया चार दिन में उनसे तकरीबन 80 हज़ार रुपये ले लिए गए. मृत बच्ची का इलाज किए जाने का नाटक अभी चल ही रहा था.
- परिजनों का आरोप - पहले ही दिन हुई थी मौत, फिर भी चलता रहा नाटक
- चिकित्सक ने कहा - ऑक्सीजन मास्क हटाने के कारण हुई मौत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के बाइपास रोड स्थित मां मुंडेश्वरी अस्पताल में एक डेढ़ माह के शिशु की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक मेजर डॉक्टर पीके पांडेय पर संगीन आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि शिशु की मृत्यु चार दिन पूर्व ही हो गई थी लेकिन चिकित्सक के द्वारा चार दिनों से उसे अस्पताल में भर्ती रखा गया और परिजनों से पैसे ऐंठे जाते रहे. इस बात का खुलासा होने के बाद जो परिजनों ने हंगामा शुरू किया तो किसी प्रकार अस्पताल प्रबंधन के द्वारा समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया. मामले में निदेशक डॉक्टर पी के पांडेय से बात करने पर उन्होंने कहा कि बच्चे को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा गया था लेकिन, परिजनों ने लिखित रूप से यह सहमति दी कि वह उसे दूसरे जगह ले जाएंगे, जिसके लिए उन्हें ऑक्सीजन युक्त वाहन की भी आवश्यकता नहीं है. ऐसे में जैसे ही शिशु का ऑक्सीजन मास्क निकाला गया उसकी मृत्यु हो गई.
घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक तुर्क पुरवा के रहने वाले मोहम्मद इमरान ने अपनी डेढ़ माह की बच्ची ओमायरा को अस्पताल में भर्ती कराया था सर्दी जुकाम के लक्षण थे वहां भर्ती कराने पर चिकित्सकों ने न्यूमोनिया होने की बात कही और उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया कुछ घंटे के इलाज के बाद बच्ची की शारीरिक हलचल कम हो गई ऐसे में अनहोनी की आशंका पर जब चिकित्सक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बच्ची स्वस्थ है, फिलहाल उसे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता है. ऐसे में उसे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा जा रहा है. देखते-देखते 3 दिन और गुजर गए लेकिन बच्ची के स्वास्थय में किसी प्रकार के सुधार की जानकारी नहीं दी गई ऐसे में परेशान परिजनों ने निदेशक से संपर्क किया तो उन्होंने 4 दिन पहले की बात ही दोहराई बाद में परिजनों ने जो बच्ची को अन्यत्र ले जाने की उन्हें मृत अवस्था में बच्ची सौंप दी गई.
परिजनों का कहना है कि बच्चे की मृत्यु चार दिन पूर्व ही हो गई थी लेकिन, चिकित्सक डॉ पी के पांडेय के द्वारा उन्हें गलत जानकारी दी गई. यह सब कुछ केवल पैसे के लिए किया गया चार दिन में उनसे तकरीबन 80 हज़ार रुपये ले लिए गए मृत बच्ची का इलाज किए जाने का नाटक अभी चल ही रहा था. उधर मां मुंडेश्वरी अस्पताल के निदेशक डॉ पीके पांडे का कहना है कि परिजनों का आरोप गलत और बेबुनियाद है. अगर ऑक्सीजन मास्क नहीं निकाला जाता तो बच्चे की मृत्यु नहीं होती.
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