संवेदक से वार्ता बेनतीजा रहने पर भी यात्रियों के हितार्थ ऑटो चालकों ने लिया महत्वपूर्ण फैसला ..

जो ऑटो चालक इस हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे थे. उन्हें जबरन शामिल कराया जा रहा था. ऑटो चालक अपनी चट्टानी एकता के दम पर स्टैंड संचालक व रेल प्रशासन को झुकाने पर बाध्य कर रहे थे. लेकिन दिन बीतने के बाद भी इसका नतीजा नहीं निकल सका.






-  ऑटो स्टैंड के बाहर से ही वाहनों का परिचालन करेंगे ऑटो चालक
- यात्रियों को होने वाली फजीहत के मध्य नजर ऑटो रिक्शा श्रमिक संघ ने लिया फैसला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डुमरांव में ऑटो रिक्शा श्रमिक संघ के द्वारा यह फैसला लिया गया है कि अब वह अपनी ऑटो का परिचालन स्टैंड के बाहर से करेंगे. यह फैसला उन्होंने संवेदक के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने पर किया है. ऑटो के तत्वाधान में ऑटो रिक्शा तथा ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. सुबह से ही सभी ने अपनी गाड़ियों का परिचालन नगर में बंद रख एकजुटता का परिचय दिया. दोपहर में रेलवे प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में दानापुर मंडल के सीआइटी अशोक कुमार, आरपीएफ पोस्ट प्रभारी दीपक कुमार, जीआरपी डुमरांव पोस्ट प्रभारी अजय कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह,, ठेकेदार प्रतिनिधि अशोक कुमार सिंह, श्रमिक संघ के संयोजक प्रदीप शरण तथा अध्यक्ष बबन प्रसाद, सचिव रवि कुमार भी मौजूद रहे. सभी के साथ वार्ता हुई जिसमें श्रमिक संघ ने कुछ राशि बढ़ाने पर सहमति जताई परंतु ठेकेदार ने यह कहा कि टेंडर महंगा है. ऐसे में वह बढ़ाई गई राशि को कम नहीं कर सकते हैं. काफी बहस के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकला और बैठक बेनतीजा रही.

चालकों ने रेलवे स्टेशन के पार्किंग से अपनी गाड़ी नहीं चलाने की घोषणा की. ऑटो चालकों ने कहा कि ऑटो रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर से चला करेंगी. मौके पर मौजूद रेलवे के पदाधिकारियों ने भी कहा कि रेट लिस्ट का प्रकाशन बड़े बोर्ड पर किया जाएगा साथ ही टिकट मुद्रण में सुधार तथा ऑटो स्टैंड से बाहर वसूली नहीं करना की बात भी लागू होगी.                          
यात्रियों को हुई काफी फ़जीहत : 

चालक हड़ताल पर डटे हुए थे. जिस कारण आम यात्रियों और रेल यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ी. हालांकि यात्री बसों के चलने से कुछ राहत जरूर मिल रही थी. ऑटो चालकों के हड़ताल का सीधा फायदा बस संचालकों को मिल रहा था. वे भी इस मौके को भुनाने के लिए यात्रियों को भेड़ बकरियों की तरह लाद कर ढो रहे थे. दोपहर तक डुमरांव स्टेशन से गुजरने वाली सभी यात्री बसों में नीचे से उपर तक यात्री खचाखच भरे थे. उन्हें भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ा. इधर जो ऑटो चालक इस हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे थे. उन्हें जबरन शामिल कराया जा रहा था. ऑटो चालक अपनी चट्टानी एकता के दम पर स्टैंड संचालक व रेल प्रशासन को झुकाने पर बाध्य कर रहे थे. लेकिन दिन बीतने के बाद भी इसका नतीजा नहीं निकल सका.

40 रुपये से कम लेने को तैयार नहीं संवेदक, 30 रुपये तक ही देने की बात कह रहे ऑटो चालक :

ऑटो चालक तथा संवेदक की बैठक इसलिए बेनतीजा रही संवदेक प्रतिदिन 40 रुपये से कम लेने को तैयार नहीं हो रहे, जबकि टेम्पो चालक पूर्व के किराया 25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये तक देने को तैयार थे. टेम्पो चालक संघ के उपाध्यक्ष बिनोद कुमार पांडेय ने बताया कि भले ही समझौता नहीं हो सका है लेकिन टेम्पो चालक काम पर लौट आए है. उन्होंने कहा कि टेम्पो चालक अपना टेम्पो रेलवे के स्टैंड में नहीं खड़ा करेंगे. बल्कि हनुमान मंदिर से दक्षिण व पश्चिम सड़क किनारे टेम्पो लगाएंगे. जबकि वे हनुमान मंदिर से पूरब यात्रियों को लेकर जा सकते है. हालांकि टेम्पो चालकों के इस निर्णय से पंच मंदिर के पास जाम की समस्या और गंभीर हो जाएगी.       











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