बताया कि पुलिस ने इस मामले में किस प्रकार से उनके मुवक्किल को फंसाया है, इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि यूपी से वाहन के बक्सर की सीमा में प्रवेश करने का समय 3:15 दिखाया गया है. इस प्रकार से वाहन जांच करते-करते तकरीबन साढ़े तीन बज गए होंगे. लेकिन पुलिस ने जो जब्ती सूची दिखाई है उसमें पुलिस ने 3:00 बजे का ही समय अंकित किया है.
- 4 साल के बच्चे के साथ दिल्ली से सड़क मार्ग के रास्ते हावड़ा जा रहे थे श्रीवास्तव दंपत्ति
- गाड़ी में बीयर की बोतलें रखना पड़ गया महंगा, उत्पाद विभाग की पुलिस ने किया गिरफ्तार
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दिल्ली से अपनी कार में सवार होकर किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए हावड़ा जा रहे एक दंपत्ति को बक्सर पुलिस ने पकड़ लिया मामला शराबबंदी कानून का था दरअसल दंपत्ति वाहन से यात्रा कर रहे थे उसमें शराब की 4 बोतलें रखी थी उत्पाद विभाग की पुलिस की माने तो पुलिस ने 27 नवंबर की पहले सुबह 3:00 बजे यूपी रास्ते बक्सर की सीमा में प्रवेश के दौरान एक वैगनआर कार कुरुख कर उसकी तलाशी ली गई कार में एक महिला पुरुष और एक बच्चा बैठा हुआ था दोनों ने बताया कि पति-पत्नी है और दिल्ली से हावड़ा किस रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे हैं जब उनके कार की तलाशी ली गई तो कार की सीट के नीचे चार बोतल बीयर रखी हुई थी ऐसे में उत्पाद अधिनियम के तहत पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और फिर कार को भी जप्त कर लिया बाद में कार चालक मालिक राजेश श्रीवास्तव को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया.
बिलखते रहे पत्नी और बच्चा :
इस घटना के बाद पुलिस ने जहां अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राजेश श्रीवास्तव को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया लेकिन रविवार होने के कारण उन्हें जमानत नहीं मिल सकी ऐसे में उन्हें जेल जाना पड़ गया अब पत्नी और बच्चे के समक्ष भारी संकट था कि वह रात कहां बिताएं लेकिन उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद के निर्देश पर महिला पुलिस कर्मियों की अभिरक्षा में उन्हें रखा गया वहां मौजूद जवानों ने उन्हें भोजन आदि उपलब्ध कराएं लेकिन पति के गम में पत्नी ने भोजन भी नहीं किया.
सोमवार को भी नहीं मिली जमानत :
मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीमन्नारायण ओझा ने सोमवार को न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की लेकिन तकनीकी कारणों से अभियुक्त राजेश श्रीवास्तव को सोमवार को भी जमानत नहीं मिल सकी. ऐसे में आरोपी को एक और रात केंद्रीय कारा में ही बितानी पड़ी. अब उम्मीद है कि बुधवार को उन्हें जमानत मिल जाए और गुरुवार तक वह जेल से बाहर आ जाए.
अधिवक्ता ने कहा, पैसे के लिए पुलिस ने जानबूझकर फंसाया :
बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीमन्नारायण ओझा ने कहा कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं. वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ दिल्ली से हावड़ा के लिए चले हुए थे. बक्सर के वीर कुंवर सिंह सेतु के उत्पाद विभाग चेक पोस्ट पर पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें रोका तथा उनसे 40 हज़ार रुपये की मांग की अन्यथा जेल भेजने की धमकी दी. इस दंपत्ति ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं. नगद के रूप में केवल सात हज़ार रुपये के सकते हैं. महिला ने तो अपने कानों की बालियां भी देने की पेशकश थी लेकिन पुलिसकर्मी नगद मांग रहे थे. नहीं देने पर उन्होंने राजेश श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की जब्ती सूची तथा घटना के समय पर भी उठाए सवाल :
अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में किस प्रकार से उनके मुवक्किल को फंसाया है, इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि यूपी से वाहन के बक्सर की सीमा में प्रवेश करने का समय 3:15 दिखाया गया है. इस प्रकार से वाहन जांच करते-करते तकरीबन साढ़े तीन बज गए होंगे. लेकिन पुलिस ने जो जब्ती सूची दिखाई है उसमें पुलिस ने 3:00 बजे का ही समय अंकित किया है. इस प्रकार जब्ती सूची तथा गिरफ्तारी के समय में आधे घंटे का अंतर है. तो सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस ने पहले ही जब्ती सूची बना ली थी? या पुलिस ने आरोपी को यूपी में जाकर गाजीपुर में ही गिरफ्तार किया है?
उत्पाद अधीक्षक ने कहा - वसूली की बात गलत, सबूत मिलने पर करेंगे कार्रवाई :
उत्पाद अधीक्षक देवेंद्र प्रसाद ने कहा की वीर कुंवर सिंह चेक पोस्ट पर दिन या रात कभी भी दो-तीन बार स्वयं ही चले जाते हैं. ऐसे में वसूली की बात सही नहीं प्रतीत हो रही है. लेकिन अगर यह बात सच साबित होती है तो निश्चित रूप से संबंधित पुलिसकर्मी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी वह कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर चुके हैं. ऐसे में वह कभी किसी को बचाने के पक्षधर नहीं रहे. शराबबंदी कानून का अनुपालन हर हाल में कराना उनकी प्रतिबद्धता है और उनके सहयोगी भी इस कार्य में पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं.
0 Comments