कैदियों को मिले हुनर के पंख, सजा पूरी कर चूमेंगे सफलता का आसमान ..

कार्यक्रम का उद्देश्य उनके मन को परिवर्तित कर आत्मनिर्भर बनाना है. जेल से बाहर आने पर कैदी के अंदर एक हुनर होगा. वह अपराध को छोड़ कर नयी दिशा में काम करने के लिए प्रेरित होंगे और अपना रोजगार कर सकेंगे.इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें ऋण भी मिलेगा .







- केंद्रीय कारा में चल रहा प्रशिक्षण हुआ संपन्न, सजा के बाद शुरू करेंगे जिंदगी
- 35 कैदियों को मिला गोपालन तथा केंचुआ खाद बनाने का प्रशिक्षण

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : कारा एवं सुधार विभाग के महानिरीक्षक के द्वारा दिए गए निर्देशों के आलोक में कारा अधीक्षक राजीव कुमार के निर्देशन में बक्सर केंद्रीय कारा में कैदियों को जेल से छूटने के बाद रोजगार शुरू करने को लेकर चल रहा प्रशिक्षण बुधवार को समाप्त हो गया. सजा पूरी करने के बाद बंदियों को पुनः समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कारा प्रशासन के द्वारा पहल की जा रही है. पहले बैच में 35 कैदियों को गोपालन तथा केंचुआ खाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण प्राप्त बंदी जेल से बाहर आने के बाद बैंक के द्वारा ऋण प्राप्त कर रोजगार करेंगे. प्रशिक्षक ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान बक्सर की तरफ से देकर कैदियों को प्रमाण पत्र भी दिया गया. एलडीएम ने कहा कि बक्सर जेल में कैदियों के लिए स्वरोजगार की ट्रेनिंग दी गयी. 




इस दौरान बताया गया कि प्रशिक्षण प्राप्त बंदी अटल पेंशन योजना तथा बीमा योजना का भी लाभ ले सकेंगे. कारा अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि जेल में बंद कैदी कुछ सीख नहीं पाते. उनके मन में कई तरह के विचार चलते रहते हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य उनके मन को परिवर्तित कर आत्मनिर्भर बनाना है. जेल से बाहर आने पर कैदी के अंदर एक हुनर होगा. वह अपराध को छोड़ कर नयी दिशा में काम करने के लिए प्रेरित होंगे और अपना रोजगार कर सकेंगे.इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें ऋण भी मिलेगा .

कार्यक्रम में आरसेटी के निदेशक मनीष दूबे, अग्रणी बैंक प्रबंधक कार्यालय के अनिल कुमार एवं प्रशिक्षक आराधना तथा कारा प्रशासन की तरफ से अधीक्षक राजीव कुमार, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह, सहायक अधीक्षक अभिषेक आनंद एवं शिव सागर समेत कई कारा कर्मी मौजूद रहे.







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