सिय-पिय मिलन महोत्सव : प्रातः काल से ही बह रही भक्ति रसधारा, कल फुलवारी में आएंगे मोहन भागवत ..

सीता जन्म का प्रसंग देखकर मौके पर मौजूद श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो गए तथा जनक सुता के जयकारे लगाने लगे. रासलीला में  नरसी भगत की लीला का मंचन किया गया. नरसी भगत की लीला का जीवंत मंचन देख हजारो भक्त-श्रद्धालु  भावविभोर हो उठे.






- आर एस एस प्रमुख के आगमन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
- सीता जन्म प्रसंग का हुआ मंचन, रास लीला में नरसी को मिले भगवान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : पूज्य श्री खाकी बाबा सरकार के पुण्य स्मृति में आयोजित होने वाले 53 वें श्री सीताराम विवाह महोत्सव के पांचवे दिन नित्य की भांति आज प्रातः काल से ही आश्रम में विभिन्न धार्मिक आयोजन प्रारंभ हो गए हैं. आश्रम  के परिकरो द्वारा सर्वप्रथम श्री रामचरितमानस जी का नवाह पारायण पाठ किया गया. तत्पश्चात दामोह की संकीर्तन मण्डली के द्वारा नौ दिवसीय अखण्ड अष्टयाम हरिकीर्तन आज चौथे दिन भी जारी है. पूज्य खाकी बाबा की पुण्यतिथि फुलवारी (26 नवं.) के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, मलुकपीठाधिश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज, लक्ष्मण किलाधीश मैथिली रमण शरण जी महाराज, अयोध्या के राजकुमार दास जी महाराज, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल जी शामिल होंगे. आयोजन में पूर्व से ही वृन्दावन के वृजबिहारी दास, मुरारी दास, हनुमत निवास के अयोध्या के वैदेही शरण जी महाराज, सियाराम दास जी महाराज,शिरोमणि दास जी महाराज सहित बड़ी संख्या में संत गण सम्मिलित हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन को लेकर एसपी नीरज कुमार सिंह ने भी व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वह तकरीबन तीन घंटे तक बक्सर में होंगे इस दौरान वह ब्रह्मपुर मंदिर में पूजन भी करेंगे. अपने चार दिवसीय बिहार दौरे के दौरान मोहन भागवत शुक्रवार को पटना पहुंचेंगे.

इसके पूर्व गुरुवार को चौथे दिन की रात्रि रामलीला में आश्रम के परिकरों  एवं वृंदावन के श्रीराम शर्मा एवं कुंजबिहारी शर्मा के निर्देशन में लीला मंडली के द्वारा श्री सीता जन्म के प्रसंग का भव्य मंचन किया गया. सीता जन्म का प्रसंग देखकर मौके पर मौजूद श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो गए तथा जनक सुता के जयकारे लगाने लगे. रासलीला में  नरसी भगत की लीला का मंचन किया गया. नरसी भगत की लीला का जीवंत मंचन देख हजारो भक्त-श्रद्धालु  भावविभोर हो उठे.

भक्त नरसी के लिए स्वयं आए भगवान श्री कृष्ण : 

लीला में दिखाया गया कि किस तरह से भगवान अपने भक्त की लाज बचाते हैं. नरसी जी हर समय भगवान का भजन करते रहते हैं. उनकी बेटी की ससुराल से भारी भरकम दहेज मंगवाने की बात उनके पास भेजी जाती है. नरसी जी गरीबी से परेशान हैं. उनकी समझ में नहीं आ रहा कि वे अपनी पुत्री की ससुराल में भेजी गई लिस्ट के अनुसार किस तरह से दहेज लेकर जाएं. उन्हें पता चलता है कि नगर में एक सेठ आया है और वह उन्हें कर्जा दे सकता है. वे कर्जा मांगने सेठ के पास जाते हैं. वहां भगवान श्री कृष्ण सावरिया सेठ के नाम से उन्हें बैठे मिलते हैं. सेठ रूपी श्री कृष्ण जी उन्हें हुंडी (रुपयों की पर्ची) लिखकर देते हैं ओर उनसे कहते हैं कि वे अपनी पुत्री की ससुराल में जाकर वहां के मुनीम से जो भी सामान चाहे वे ले लें. नरसी भगत अपने साथ संतों को लेकर अपनी पुत्री की ससुराल पहुंच जाते हैं. उनके आने की सूचना पाकर पुत्री दौड़ती हुई जाती है ओर अपने पिता को वापस जाने के लिए कहती है क्योंकि उसे पता है कि उसके पिता के पास देने को एक रुपया तक नहीं है. जब भात दिया जाता है तो जो वस्तु ससुराल वालों ने मंगवाई थी प्रत्येक वस्तु भगवान श्री कृष्ण दोगुनी कर देते जाते हैं. नरसी भगवान कृष्ण को पहचान कर उनके चरण पकड़ लेते है. 












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