सीएसपी संचालक की सूझबूझ से पकड़े गए दो शातिर ठग ..

इसी बीच ठग दोबारा सीएसपी संचालक के यहां पहुंचा लेकिन संचालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उसे गिरफ्तार करा दिया और फिर गिरफ्तार ठग की निशानदेही पर दूसरे ठग को भी गिरफ्तार कर लिया. 





- दूसरे के खाते से गलत ढंग से मंगवाए थे रुपये, फंस गए थे सीएसपी संचालक
- अपनी सूझबूझ से अपने ऊपर लगे आरोपों को किया गलत साबित

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : कोरान सराय निवासी एक सीएसपी संचालक की सूझबूझ से दो साइबर ठगों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों ठगों के द्वारा सीएसपी संचालक को झांसे में लेकर दूसरे के खाते से गलत ढंग से मंगवाए गए 37 हज़ार रुपये निकाल लिए गए थे, जिसके कारण सीएसपी संचालक की सीएसपी को सील कर दिया गया था. बाद में सीएसपी संचालक ने पुलिस को मिलकर सारी बात बताई जिसके बाद पुलिस ने उनसे यह वादा लिया कि वह पुलिस की मदद करेंगे. इसी बीच ठग दोबारा सीएसपी संचालक के यहां पहुंचा लेकिन संचालक ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उसे गिरफ्तार करा दिया और फिर गिरफ्तार ठग की निशानदेही पर दूसरे ठग को भी गिरफ्तार कर लिया. 

घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक कोरान सराय में सीएसपी संचालन करने वाले बड़े तिवारी नामक व्यक्ति के यह एक साइबर अपराधी उत्तर प्रदेश का मऊ निवासी राहुल कुमार खत्री नामक एक व्यक्ति पहुंचा और यह कहा कि उसकी बहन की शादी है, ऐसे में वह अपना खाता नंबर दे दें जिससे कि उनके खाते में पैसा मंगाए जा सके. जब उन्होंने अपने बचत बैंक खाते का नंबर दिया तो उनके खाते में 37 हज़ार रुपये के मंगाए गए. जिसके एवज में सीएसपी संचालक ने उक्त ठग को नगद पैसे दे दिए. सच्चाई यह थी कि यह पैसे ठग ने किसी अन्य व्यक्ति से साइबर ठगी कर मंगवाए थे. ऐसे में साइबर ठगी के शिकार व्यक्ति के द्वारा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में इस बात को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर बाराबंकी पुलिस में बक्सर पहुंचकर सीएसपी का संचालन बंद करवा दिया. 

दोबारा ठगी करने पहुंचा ठग, तो खुला राज :

कुछ दिनों के बाद वही शातिर ठग दोबारा उनके सीएसपी पर पहुंचा और यह कहा कि पुनः ऑनलाइन 50 हज़ार रुपये मंगवाने हैं. सीएसपी संचालक ने ठग को आराम से बैठाया और पुलिस को इसकी सूचना दे दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया और उसे जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने यह स्वीकार कर लिया कि वह ठग है और अपने एक अन्य साथी की मदद से ठगी का कार्य करता है. पुलिस ने युवक को तुरंत ही गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर उसके दूसरे साथी को भी गिरफ्तार कर लिया. दोनों युवकों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेज दिया.











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