वीडियो : कोरान सराय थाने में वृद्ध की आत्महत्या मामला : पकड़ा गया थानेदार का झूठ, एसपी को दी थी गलत जानकारी ..

चर्चा यह है कि थानाध्यक्ष के दुर्व्यवहार से खिन्न जमुना सिंह द्वारा थाना के कंप्यूटर कक्ष में फांसी लगा अपनी इहलीला समाप्त करने के बाद जुनैद आलम अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए मामले की लीपापोती में जुट गए थे. सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा रहा है कि वे तीन बार पंखे से लटकने का असफल प्रयास कर चुके थे. चौथी बार में फंदे पर झूल गए, जिससे उनकी मौत हो गई. 





- एसपी को कहा, वृद्ध की बिगड़ी तबीयत, परिजनों को बताया कर ली है आत्महत्या
- जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के जिगरी दोस्त थे जमुना सिंह

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : कोरान सराय थाने में वृद्ध के आत्महत्या कर लिए जाने के मामले में एसपी ने पत्रकारों से बातचीत में यह बताया कि थानाध्यक्ष ने सुबह 3:00 बजे उन्हें यह बताया था कि वृद्ध की तबीयत खराब हो गई है, जिसे लेकर वह अस्पताल जा रहे हैं बाद में उन्होंने कहा था कि वृद्ध की मौत हो गई है. उधर जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें यह साफ तौर पर दिख रहा है कि किस प्रकार धोती का फंदा बनाकर वृद्ध ने उसके सहारे पंखे की कुंडी से लटक कर अपनी जान दे दी. कुछ ही समय में उनके प्राण पखेरू उड़ गए थे. ऐसे में यह कहना कि वृद्ध की तबीयत खराब थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हुई है. साफ तौर पर यह दर्शाता है कि थानाध्यक्ष ने एसपी से झूठ कहा था.




उधर चर्चा यह है कि थानाध्यक्ष के दुर्व्यवहार से खिन्न जमुना सिंह द्वारा थाना के कंप्यूटर कक्ष में फांसी लगा अपनी इहलीला समाप्त करने के बाद जुनैद आलम अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए मामले की लीपापोती में जुट गए थे. सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा रहा है कि वे तीन बार पंखे से लटकने का असफल प्रयास कर चुके थे. चौथी बार में फंदे पर झूल गए, जिससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद अल सुबह तीन बजे उन्होंने एसपी नीरज कुमार सिंह को फोन कर बताया कि वृद्ध की तबीयत बिगड़ गई है, उसे लेकर अस्पताल जा रहे है. जबकि मृतक के पोते को थोड़े देर बाद ही फोन कर बताया कि उसके दादा थाना में फांसी लगा ली है. इससे साफ जाहिर होता है कि वे एसपी से झूठ रहे थे. अहले सुबह 4.55 बजे वह शव लेकर सदर अस्पताल बक्सर पहुंचे जहा डा राजेश रंजन ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. चिकित्सक ने अपने बयान में बताया है कि बुद्ध की मृत्यु अस्पताल पहुंचने से पूर्व ही हो गई थी.

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के जिगरी दोस्त थे जमुना सिंह : 

जमुना सिंह जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद रह चुके वशिष्ठ नारायण सिंह के जिगरी दोस्त हैं. वशिष्ठ नारायण सिंह जब भी कोपवां आते थे तो वह जमुना सिंह के साथ घंटों बैठकर बातचीत करते रहते थे. जमुना सिंह को यह अंदेशा नहीं था कि कभी पुलिस के द्वारा उनसे इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाएगा. सीसीटीवी फुटेज में भी ऐसा साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस प्रकार जमुना सिंह ने काफी देर तक थाने के कंप्यूटर कक्ष में बैठकर सोच-विचार किया और अंत में फांसी के फंदे पर झूल गए. माना जा रहा है कि पुलिस के व्यवहार ने उनके आत्म स्वाभिमान पर गहरी चोट पहुंचाई थी, जिससे वह काफी आहत थे और अंततः उन्होंने यह फैसला लिया कि वह अब फांसी लगा लेंगे.

एसपी की त्वरित कार्रवाई में सस्पेंड है थानेदार परिजनों के आवेदन के आधार पर एफआइआर का होगा फैसला : एसपी

मामले में थानाध्यक्ष के विरुद्ध एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. साथ ही यह कहा है कि मृतक के परिजन यदि थानाध्यक्ष पर एफआइआर करने के लिए आवेदन देते हैं तो उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. इस बात से यह साफ हो जाता है एसपी इस मामले में नरमी नहीं बरतने जा रहे हैं. बहरहाल, थानाध्यक्ष के विरुद्ध आगे की क्या कार्रवाई होती है और इस मामले में थानाध्यक्ष के अतिरिक्त थाने में कार्यरत अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका पर उठ रहे सवालों के मद्देनजर एसपी क्या एक्शन लेते हैं यह भी देखने वाली बात होगी.

वीडियो : 








Post a Comment

0 Comments