गंगा स्वच्छता को संकल्पित लोग हुए सम्मानित ..

कहा कि 12 वर्षों से गंगा किनारे रह कर गंगा स्वच्छता के लिए यात्रा के माध्यम से तपस्या कर रहा हूँ. गंगा में बहुत सी बेकार की परियोजना भी लागू की गयी है और हरेक शहर से गंदा नाला का पानी डाला जा रहा है, जो चिंता का विषय है. गंगा का 95 प्रतिशत जल हरिद्वार र्मे ही अलग कर एक नहर द्वारा दिल्ली वासियों के दैनिक उपयोग एवं शौचालय में बहाने के लिए भेजा जा रहा है.



 
- नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ जिला युवा सम्मेलन कार्यक्रम
- कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी अमन समीर के हाथों मिला सम्मान

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नेहरु युवा केन्द्र एवं नमामि गंगे परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय जिला सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन एम पी हाई स्कूल में हुआ. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में  गंगा स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढाने के लिए शुरू किए गये अभियान की समीक्षा की गयी और सामाजिक जीवन में इस ओर जिन्होंने बढ़चढ़ कर कार्य करने वाले को प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्र दे कर सम्मानित भी किया गया. सम्मान पाने वालों में टीम छात्र शक्ति के साथ गंगा की स्वच्छता का अभियान चलाने वाले सौरभ तिवारी के साथ-साथ सिमरी में गंगा स्वच्छता की अलख जगा रहे दूबे समेत कई लोग शामिल थे.


कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी अमन समीर द्वारा की गयी. इसमें अन्य उपस्थित अतिथि गण उप विकास आयुक्त डॉ महेंद्र पाल , वरीय उपसमाहर्ता एवं नोडल अधिकारी श्रेयांश तिवारी, गंगा समग्र के रामाशंकर सिन्हा , छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. रणविजय कुमार , कवि एवं गंगा यात्री श्री निलय उपाध्याय रहे. मंच संचालन नमामि गंगे के जिला परियोजना पदाधिकारी शैलेश कुमार राय एवं रणविजय कुमार ने किया. 


जिलाधिकारी ने युवाओं को प्रकृति से जोड़ने के लिए अपने प्रशिक्षण के दौरान हुए गंगा किनारे के अनुभव को बताया. निलय जी ने कहा कि 12 वर्षों से गंगा किनारे रह कर गंगा स्वच्छता के लिए यात्रा के माध्यम से तपस्या कर रहा हूँ. गंगा में बहुत सी बेकार की परियोजना भी लागू की गयी है और हरेक शहर से गंदा नाला का पानी डाला जा रहा है, जो चिंता का विषय है. गंगा का 95 प्रतिशत जल हरिद्वार र्मे ही अलग कर एक नहर द्वारा दिल्ली वासियों के दैनिक उपयोग एवं शौचालय में बहाने के लिए भेजा जा रहा है, जो गंगा के महत्व के प्रति जागरूकता का अभाव को दर्शाता है. अन्य वक्ताओं का भी वक्तव्य उनके नीजी अनुभवों से जुड़ा हुआ रहा.


इस दौरान कुछ छात्राओं ने गंगा को गंदा करने वाले अपने दैनिक व्यवहार को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया. एक भारतीय संस्कृति को बताते हुए गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया. अंत में श्रेयांश तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. बाहर में सभी उपस्थित लोगों ने हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया और हस्ताक्षर किया.











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