दहेज प्रताड़ना के दोषियों को दो वर्षों की सज़ा ..

चारों अभियुक्तों को धारा 498 ए के तहत 2 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा तथा दो हजार रुपये जुर्माने की राशि की सजा सुनाई. अभियुक्तों द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.





- जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने सुनाई सजा
- दो हज़ार का लगा जुर्माना, नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दहेज प्रताड़ना के आरोपी पति सास देवर सहित चार लोगो को 2 वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने यह फैसला सुनाते हुए बताया है कि अभियुक्तों को दो हज़ार रुपये का जुर्माना भी देना होगा और जुर्माना नहीं अदा करने पर उन्हें 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सज़ा भुगतनी होगी. 
                    

इस बाबत लोक अभियोजक आदित्य कुमार के मुताबिक जिले के दुल्लहपुर गांव निवासी अंजू देवी ने आरोप लगाया था कि उसके पति रविंद्र प्रताप सिंह, देवर करण प्रसाद सिंह उर्फ रिंकू, सास गिरजा देवी समेत चार लोग दहेज की मांग को लेकर सदैव उसके साथ मारपीट करते रहते हैं. शुरुआत में कई बार समझौते का प्रयास किया गया. लेकिन बात नहीं बनी. अंत में रिंकी देवी द्वारा सिमरी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उस मामले में न्यायालय द्वारा भारतीय दंड विधान की धारा 307, 34 तथा 498 ए के तहत आरोप का गठन किया. सूचक तथा अन्य गवाहों की गवाही न्यायालय में पूरी कराने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा की चारों आरोपित दहेज प्रताड़ना के दोषी हैं. हालांकि धारा - 307 जो कि गैर इरादतन हत्या के प्रयास का आरोप था, उसमें सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है.

ऐसे में चारों अभियुक्तों को धारा 498 ए के तहत 2 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा तथा दो हजार रुपये जुर्माने की राशि की सजा सुनाई. अभियुक्तों द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. सजा चूंकि 3 साल से कम थी, इसलिए न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया.  हालांकि उन्हें एक माह के अंदर उच्च न्यायालय में अपील करके जमानत करानी होगी. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता कामोद सिंह तथा सरकार की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक आदित्य कुमार वर्मा उर्फ लड्डू जी ने अपना पक्ष रखा.










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