व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण करने पहुंचे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, केंद्रीय कारा में विधिक सेवा केंद्र का किया उद्घाटन ..

ऐसे बंदियों को निशुल्क सहायता मिल सकेगी जिनके पास अधिवक्ता को देने के लिए फीस तक नहीं होती. इसके अतिरिक्त अन्य कैदी भी इस काउंटर के माध्यम से निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इस दौरान न्यायाधीश ने जेल के प्रशासनिक भवन के विस्तारित भवन का भी उद्घाटन किया.






- अपनी मांगों को लेकर न्यायाधीश से मिले अधिवक्ता, गिनाई समस्याएं
- न्यायालय के सुरक्षा के संदर्भ में डीएम-एसपी के साथ बैठक 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण कुमार झा ने व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय कारा में बंदियों के लिए बनाए गए विधिक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. अपने निरीक्षण के दौरान शाम तकरीबन 6:30 बजे अधिवक्ताओं से भी मिले इस दौरान अधिवक्ताओं ने उन्होंने व्यवहार न्यायालय उनके समक्ष आने वाली कई समस्याओं से उन्हें अवगत कराया जिसका उचित निष्पादन करने का आश्वासन उन्होंने दिया. शाम तकरीबन 7:30 बजे उन्होंने परिसदन में जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक साथ बैठक की तथा न्यायालय की सुरक्षा तथा अन्य मामलों के संदर्भ में उनसे बातचीत की.





न्यायाधीश से मुलाकात के दौरान अधिवक्ताओं ने उन्हें  पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया. महासचिव विन्देश्वरी प्रसाद पांडेय ने अधिवक्ताओं की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया. महासचिव ने कहा कि न्यायालय भवन की तीसरी मंजिल तक आने जाने के लिए लिफ्ट नहीं होने से काफी परेशानी उठानी पड़ती है. खासकर वृद्ध लोगों को काफी दिक्कत होती है. साथ ही न्यायालय में एटीएम एवं पोस्ट ऑफिस के एक एक्सटेंशन काउंटर की आवश्यकता भी काफी दिनों से महसूस की जा रही है. इस दौरान न्यायमूर्ति को अधिवक्ताओं के बैठने के लिए बनाए जाने वाले भवन संबंधित भूमि के आवंटन की समस्या के बारे में भी जानकारी दी गई. इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष बबन ओझा, अधिवक्ता रामकृष्ण चौबे, जनार्दन सिंह, सत्य प्रकाश पांडे, कुमार मानवेंद्र, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नंद गोपाल के अलावा अन्य कई अधिवक्ता उपस्थित थे.


बाहरी भवन में बनाया गया है विधिक सेवा केंद्र :

केंद्रीय कारा के अंदर एक कमरे में विधिक सेवा केंद्र खोला गया है. यहां पर ऐसे बंदियों को निशुल्क सहायता मिल सकेगी जिनके पास अधिवक्ता को देने के लिए फीस तक नहीं होती. इसके अतिरिक्त अन्य कैदी भी इस काउंटर के माध्यम से निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इस दौरान न्यायाधीश ने जेल के प्रशासनिक भवन के विस्तारित भवन का भी उद्घाटन किया. साथ ही जेल भवन का भी निरीक्षण किया. वह जेल की व्यवस्थाओं से काफी खुश दिखे.  विधिक सेवा केंद्र के उद्घाटन के दौरान कारा अधीक्षक राजीव कुमार, उपाधीक्षक त्रिभुवन सिंह समेत तमाम कार्य कर्मी व अधिवक्ता मौजूद रहे.

न्यायालय परिसर की सुरक्षा तथा अन्य मामलों को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक :

न्यायमूर्ति ने जिला पदाधिकारी अमन समीर तथा आरक्षी अधीक्षक मनीष कुमार साथ बैठक में उन्हें न्यायालय परिसर की सुरक्षा तथा अन्य समस्याओं से अवगत कराया तथा उसका उचित निष्पादन करने की बात कही. दरअसल दिसंबर माह से ही किए जा रहे निरीक्षण के दौरान निरीक्षक दल के द्वारा जो बातें न्यायमूर्ति के समक्ष की गई थी, उन्होंने उनके आधार पर न्यायालय की स्थिति से दोनों पदाधिकारियों को अवगत कराया.










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