नप कार्यपालक पदाधिकारी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच शुरु, शिकायत करने वाले पार्षद भी रहे मौजूद ..

पार्षद द्वारा लगाए गए आरोपों में मुख्य रूप से बगैर प्रशासनिक स्वीकृति लिए नगर परिषद के खजाने से की गई करोड़ों रुपये की अवैध निकासी तथा डस्टबिन खरीद में बड़े पैमाने पर की गई लूट खसोट का संगीन आरोप है. जांच टीम द्वारा घंटो बारीकी से इन आरोपो की जांच की गई है. 






- जांच टीम के सामने नहीं आए शिकायत करने वाले दूसरे पार्षद
- आरोप सही पाए जाने पर लटकेगी कार्रवाई की तलवार

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डुमरांव नगर के पार्षद द्वारा लगाए गए आरोपों में मुख्य रूप से बगैर प्रशासनिक स्वीकृति लिए नगर परिषद के खजाने से की गई करोड़ों रुपए की अवैध निकासी तथा डस्टबिन खरीद में बड़े पैमाने पर की गई लूट खसोट का संगीन आरोप है. जांच टीम द्वारा घंटो बारीकी से इन आरोपो की जांच की गई है.

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डुमरांव के पार्षद सोनू राय द्वारा नगर परिषद के ईओ मनोज कुमार पर लगाए गए आरोपों की जांच शुरू हो गई है. गुरुवार को डीएम अमन समीर द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम नगर परिषद कार्यालय पहुंच जांच शुरू कर दी है. इस टीम का नेतृत्व एडीएम किशोरी चौधरी कर रहे हैं. जबकि टीम में डुमरांव एसडीओ कुमार पंकज तथा ट्रेजरी ऑफिसर भी शामिल हैं. हालांकि पहले दिन टीम द्वारा इस संबंध में कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी गई है. जांच के दौरान ईओ पर भ्रष्टाचार व अवैध तरीके से निकासी का आरोप लगाने वाले वार्ड पार्षद सोनू राय स्वयं उपस्थित होकर कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गए आरोपों का साक्ष्य प्रस्तुत किया. पार्षद द्वारा लगाए गए आरोपों में मुख्य रूप से बगैर प्रशासनिक स्वीकृति लिए नगर परिषद के खजाने से की गई करोड़ों रुपये की अवैध निकासी तथा डस्टबिन खरीद में बड़े पैमाने पर की गई लूट खसोट का संगीन आरोप है. जांच टीम द्वारा घंटो बारीकी से इन आरोपो की जांच की गई है. जानकारों ने बताया कि टीम अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौपेंगी. जिसमें दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई ई जाएगी.
जांच टीम के सामने नहीं आए दो अन्य शिकायत कर्ता :

बता दें कि पार्षद सोनू राय के साथ ही पूर्व पार्षद धीरज कुमार व सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह यादव ने भी ईओ पर लूट खसोट तथा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. लेकिन दोनों ही लोग आज जांच टीम के सामने नहीं आए. दूसरे शिकायतकर्ता पूर्व वार्ड पार्षद धीरज ने कहा कि नगर परिषद द्वारा जांच प्रक्रिया की जानकारी काफी विलंब से दी गई है इस दौरान वे शहर से बाहर है. जिस कारण जांच टीम के सामने नहीं आ सके. जबकि तीसरे शिकायतकर्ता रामजी सिंह यादव भी किन्ही कारणों से इस जांच में शामिल नहीं हो सके हैं. 

आरोप गंभीर, पुष्टि होने पर लटकेगी तलवार :

नगर परिषद के ईओ पर जो आरोप लगाए गए है वह बेहद गंभीर हैं. यह आरोप सीधे तौर पर आर्थिक अपराध से जुड़े है. उनके आरोपों में भ्रष्टाचार तथा सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग करने जैसा गंभीर आरोप लगाया गया है. भ्रष्टाचार के इस बहुचर्चित मामले की शिकायत नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव से की गई थी. विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा जिला पदाधिकारी को जांच तथा करवाई के लिए पत्र लिखा गया है. उसके बाद डीएम द्वारा तीन सदस्य टीम का गठन करने के बाद जांच की इस कार्रवाई को लेकर शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. वही यदि जांच में आरोपों की पुष्टि होती है तो नगर परिषद के ईओ मनोज कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती है.

कहते हैं अधिकारी :

ईओ पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. यदि इसकी पुष्टि हुई तो उनपर कड़ी कार्रवाई होनी तय है. जांच को काफी सूक्ष्मता से किया जा रहा है. तथा कागजातों के अवलोकन के साथ ही आरोप लगाने वाले का पक्ष भी लिया जा रहा है. 
किशोरी चौधरी
अपर समाहर्ता












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