परशुराम चतुर्वेदी की मौत कहीं वायरल ऑडियो से उत्पन्न तनाव का असर तो तो नहीं : भुवन

ये खतरनाक प्रवृति है. मुझे लगता है कि परशुराम जी कि मौत के पीछे चौसा आंदोलन के बीच की भागमभाग के तनाव के अलावा इस ऑडियो से उत्पन्न तनाव मुख्य कारण है. उस ऑडियो में क्या था और किसने वॉयरल किया ये सामने लाने कि जरुरत है. ये प्रवृति ठीक नहीं है. 


 






- हार्ट अटैक आने से पहले भाजपा नेता का एक आडियो हुआ था वायरल
- पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा - मामले की हो जांच

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी का निधन हार्ट अटैक आने से हो गया है. लेकिन अब उनके निधन के बाद एक वायरल आडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि उक्त आडियों में वह किसी के लिए अप्रिय बातें बोल रहे हैं, जिसे उस व्यक्ति तक पहुंचाने के साथ ही वायरल भी किया गया है. हार्ट अटैक आने के दो दिन पहले से वे इसको लेकर परेशान भी चल रहे थे. इस बात की जानकारी भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन ने बक्सर टॉप न्यूज़ को दी है. 

बकौल प्रदेश अध्यक्ष, उनके और परशुराम चतुर्वेदी की बातें 14 जनवरी की रात में बक्सर आए गंगा विलास क्रूज़ को लेकर हुई थी. जिसमें उन्होंने वायरल आडियों के बारे में जानकारी दी थी. भुवन जी की मानें तो परशुराम चतुर्वेदी ने कहा था कि भुवन जी, मुंह में कागज लेकर, मेरे आवाज कि नकल कर के अंट संट बोला है सब. फिर टेप कर के वॉयरल कर दिया है. 14 जनवरी को रात में जब मैंने परशुराम जी को बक्सर आए क्रूज के यात्रियों के स्वागत योजना हेतु कॉल किया तो उन्होनें थोड़ा झिझकते हुए ये बात मुझे बताई. उन्हें उसे मोबाईल पर सुनाने का भी प्रयास किया, जो मुझे स्पष्ट सुनाई नहीं दे रहा था. मैंने ढांढस बंधाते हुए हौसला बढ़ाया और ऑडियो मुझे भेजने की बात कही. वो काफी दबाव में लग रहे थे.

ओमप्रकाश भुवन ने कहा कि उस व्यक्तिगत बात को किसने टेप कर के वायरल किया, इसकी जांच होनी चाहिए. ये सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश भी है. हम किसी से थोड़ा भी लगाव के कारण फोन पर दिल कि बात बोल जाते हैं, उसे टेप कर के वायरल करना, ये खतरनाक प्रवृति है. मुझे लगता है कि परशुराम जी कि मौत के पीछे चौसा आंदोलन के बीच की भागमभाग के तनाव के अलावा इस ऑडियो से उत्पन्न तनाव मुख्य कारण है. उस ऑडियो में क्या था और किसने वॉयरल किया ये सामने लाने कि जरुरत है. ये प्रवृति ठीक नहीं है. पिछले दिनों भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ भी ऐसा ही हुआ था. ये हम सभी राजनैतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए खतरनाक है. ये उचित समय है कि ऐसे लोगों को सामने लाकर उचित सजा दी जाए ताकि फिर कोई ऐसी घटना न हो. कोई दूसरा परशुराम अपनी जान से न जाए.









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