वीडियो : गंगा के रास्ते बक्सर पहुंच रहे सबसे लंबी जल यात्रा के यात्री, स्वागत के लिए तैयार हुआ प्रशासन ..

बताया कि यात्री बक्सर उतरेंगे और भगवान श्री राम से जुड़े तीर्थ स्थलों का दर्शन करेंगे. इस दौरान उनके ठहरने की भी व्यवस्था बक्सर में की जाएगी. साथ ही उन्हें किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसका भी इंतजाम किया जाएगा.







- साढ़े तीन महीने में दो बार बक्सर पहुंचेंगे गंगा विलास जल यात्रा के यात्री
- जलयान के आगमन को लेकर रामरेखा घाट पर बनाया गया प्लेटफार्म

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर :  दुनिया के सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा गंगा विलास बक्सर पहुंच रही है. 21 दिसंबर को कोलकाता से वाराणसी के लिए रवाना हुआ यह क्रूज़ 5 जनवरी को बक्सर पहुंचेगा तथा फिर वाराणसी चला जाएगा. वाराणसी में 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस यात्रा का विधिवत शुभारंभ तथा यात्रियों का स्वागत किया जाएगा. वापसी के क्रम में यह यात्रा 15 जनवरी को पुनः बक्सर पहुंचेगी तथा 31 मार्च को कोलकाता में पहुंचकर यह यात्रा समाप्त हो जाएगी. यात्रा को लेकर राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बक्सर जिला प्रशासन से सुरक्षा देने का आग्रह किया गया है. साथ ही बक्सर में सैलानियों के आने और उतरने के लिए रामरेखा घाट पर प्लेटफार्म बनाया गया है. अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि यात्री बक्सर उतरेंगे और भगवान श्री राम से जुड़े तीर्थ स्थलों का दर्शन करेंगे. इस दौरान उनके ठहरने की भी व्यवस्था बक्सर में की जाएगी. साथ ही उन्हें किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसका भी इंतजाम किया जाएगा.





गीत-संगीत का मजा लेते यात्रियों के साथ राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य से भी गुजरेगी यात्रा : 

इस क्रूज में 80 पर्यटक सवार होंगे जो तकरीबन चार हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करेंगे. लगभग साढ़े तीन महीनों तक की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी तथा 50 से अधिक प्रमुख स्थानों पर रुकेगी. इनमें ऐसे स्थल भी है जो विश्व विरासत में शामिल हैं. यह जलयात्रा राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य से भी गुजरेगी जिसमें सुंदरवन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल होगा. यात्रा लंबी है ऐसे में यह उबाऊ ना हो इसके लिए क्रूज़ पर गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही जिम आदि की सुविधा भी उपलब्ध होगी. 

आधुनिक सुविधाओं से युक्त है भारत का 'गंगा विलास' जलयान : 

भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है. यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त और पूरी तरह से सुरक्षित है.  इस जलयान में 18 कमरे होंगे. 21 दिसंबर को इसमें सभी यात्री कोलकाता के सवार हुए और 22 दिसंबर को यह जलयान वहां से रवाना हो चुका है. आने के क्रम में 15 दिन यह बांग्लादेश की जल सीमा में भी रहा है. वापसी के क्रम में भी यह 15 दिन बांग्लादेश के जल सीमा से होते हुए वापस कोलकाता पहुंचेगा. 

बहुत उत्साहित हैं बक्सर वासी, नप अधिकारी ने कहा - पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित होगी यात्रा :

नगर परिषद के द्वारा रामरेखा घाट पर साफ-सफाई तथा यात्रियों के आने के लिए प्लेटफार्म बनाने में सहयोग कर रहे हैं. नगर परिषद के अधिकारी गुड्डू कुमार ने बताया कि यह यात्रा कई मायनों में खास होगी. अगर इस तरह की यात्राएं नियमित रूप से होती रहे और पर्यटक लगातार बक्सर में आते रहे तो बक्सर के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो इसके लिए नगर परिषद पूरी तरह से तत्पर है आम लोगों से भी यह अपेक्षा की जाती है कि वह जलयान के यात्रियों के आगमन पर अतिथि देवो भव: की परंपरा का निर्वहन करें.

वीडियो : 








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