वीडियो : हां! ये किसानों के वेश में आतंकवादी ही हैं ..

सवाल यह है कि जिन किसानों को बेचारा और निर्दोष बताया जा रहा है, उनमें से एक भी किसान जख्मी क्यों नहीं है? ऐसे में यह बात पूरी तरह से साफ है कि प्रशासन की तरफ से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है. बल्कि जो भी घाव दिए हैं वह तथाकथित किसानों के रूप में आतंक और उग्रवाद फैला रहे आतंकियों और उग्रवादियों ने दिए हैं.





सड़क पर गिरे पुलिसकर्मी पर लाठियां बरसाते हमलावर


- पुलिसकर्मियों बुरी तरीके से पीटने का वीडियो हुआ वायरल
- एक भी किसान नहीं हुआ आंदोलन में घायल, दर्जनों पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : चौसा पावर प्लांट प्रभावित किसानों के द्वारा चल रहा शांतिपूर्ण धरना अब समाप्त हो गया है पहले उग्र रूप लिया और अब राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए चौसा के रूप में एक नया पर्यटन स्थल बनाने के बाद किसान लापता हो गए हैं. जो किसान इस बात की दुहाई दे रहे हैं कि उनके घरों में घुसकर लाठीचार्ज किया गया उन किसानों की हकीकत अब वायरल वीडियोस में सामने आ रही है. बक्सर टॉप न्यूज़ खबर के साथ एक वीडियो भी दर्शकों को दिखा रहा है जिसमें यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस प्रकार एक स्कॉर्पियो में सवार होकर जा रहे पुलिसकर्मियों पर तथाकथित किसानों ने हमला कर दिया और जो पुलिसकर्मी हत्थे चढ़ गया उसे सड़क पर बेदर्द तरीके से मारा जा रहा है. सड़क पर गिरा पुलिस कर्मी बार-बार उठने की कोशिश कर रहा है लेकिन लठधारी युवक उस पर ताबड़तोड़ हमला कर रहे हैं. स्कॉर्पियो को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया गया. जब युवक आश्वस्त हो गए कि पुलिसकर्मी मर गया है तो वह वहां से चले गए लेकिन, फिलहाल पुलिसकर्मी जीवित है और उसका गंभीर हालत में इलाज चल रहा है. इस हमले में उसका जबड़ा, हाथ और पैर टूट गया है.
अस्पताल में इलाजरत पुलिसकर्मी

बक्सर पहुंचे डीआइजी ने बुधवार को अपने बयान में कहा था कि मंगलवार को पावर प्लांट के गेट पर तालाबंदी करने वाले किसानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई तो उन किसानों की तलाश में पुलिस टीम उनके गांव में गई थी, लेकिन उस पुलिस टीम पर पथराव कर दिया गया. प्रतिशोध में पुलिसकर्मी घर में घुसे और लाठियां तो भांजी. लेकिन जो किया वह बिल्कुल गलत किया. ऐसे में पुलिस टीम पर कार्रवाई भी की गई. 
फूंका गया वज्र वाहन


लेकिन सवाल यह है कि जिन किसानों को बेचारा और निर्दोष बताया जा रहा है, उनमें से एक भी किसान जख्मी क्यों नहीं है? ऐसे में यह बात पूरी तरह से साफ है कि प्रशासन की तरफ से कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है. बल्कि जो भी घाव दिए हैं वह तथाकथित किसानों के रूप में आतंक और उग्रवाद फैला रहे आतंकियों और उग्रवादियों ने दिए हैं.

डीएम ने कहा बार-बार दिया जा रहा है ऑप्शन, लेकिन बरगला रहे हैं स्वार्थी लोग :

चौसा में उपद्रव की सूचना पर पहुंचे डीएम अमन समीर ने बताया कि जो भी किसान पावर प्लांट के लिए दी गई अपनी जमीन के एवज में नए दर से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, उनसे प्रशासन के द्वारा बार-बार यह कहा गया कि वह आपत्ति के साथ मुआवजा राशि प्राप्त कर लें और जो अतिरिक्त राशि उन्हें चाहिए उसके लिए वह अपील में चले जाएं. कई बार बैठक हुई जिसमें किसानों ने यह बात मान भी ली लेकिन बाद में पुनः किसी स्वार्थी तत्वों ने उन्हें बरगला दिया. डीएम ने मीडिया कर्मियों से जो बातें साझा की थी उसका पूरा वीडियो भी इस खबर में नीचे दिया गया है.

वीडियो - 1

पुलिस के साथ मारपीट का वीडियो : 

वीडियो -2 
बक्सर जिला पदाधिकारी ने बताई पूरी सच्चाई :

वीडियो -3
अस्पताल में इलाजरत पुलिसकर्मी और चिकित्सक का बयान :


वीडियो - 4
डीआइजी ने बताया - घर में घुसकर मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई :














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