वीडियो : बड़े संकल्प के साथ दस हज़ार किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकले आशुतोष का जिले में हुआ स्वागत ..

बताया कि "आज के युवा महंगी गाड़ी, महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप और लग्जरी लाइफ की तरफ भाग रहे हैं. लेकिन हमें यह सोचना होगा कि हमारा जीवन कुछ सेकेंड की ऑक्सीजन के बिना कुछ भी नहीं है. अभी कोविड-19 में हुई दिक्कतों के साथ ही लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि प्रकृति से खिलवाड़ उचित नहीं है.




- पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता लाने का संकल्प लेकर निकले यूपी के आशुतोष
- देश के 21 राज्यों में हजारों लोगों को जागरूक करने का है लक्ष्य

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : "दिल्ली जो कि आजकल काफी प्रदूषित हो गई है, वहां काम करने के दौरान मुझे इस बात का एहसास हुआ कि हम जीवन के लिए सबसे आवश्यक पर्यावरण के संरक्षण के लिए कोई कार्य नहीं कर पाते. ऐसे में लोगों को पौधरोपण के लिए जागरूक करना बेहद आवश्यक है. इसी उद्देश्य से मैं 11 राज्यों की तकरीबन 10 हज़ार किलोमीटर की लंबी, पैदल यात्रा पर निकला हूँ. यात्रा 2024 में पूरी होगी लेकिन, तब तक एक बड़े जन समुदाय को पर्यावरण संरक्षण के महत्व से अवगत कराने के लक्ष्य को पूरा कर लूंगा." यह कहना है पर्यावरण संरक्षण के लिए पदयात्रा पर निकले आशुतोष पांडेय का. बक्सर में आशुतोष के आगमन पर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सौरभ तिवारी भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष सौरभ चौबे भाजपा नेता प्रकाश पांडे तथा सतीश चंद्र त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया.

हाथ में तिरंगा झंडा और एक पौधा लेकर पैदल ही बक्सर पहुंचे यूपी के सुल्तानपुर निवासी आशुतोष ने बताया कि इन दिनों वह देश की 10 हज़ार  किलोमीटर की यात्रा पर पैदल ही निकलें हैं. उन्होंने बताया कि वह 11 लाख रुपये सलाना के पैकेज की नौकरी को छोड़कर प्रकृति को बचाने और लोगों को जागरूक करने के लिए पैदल ही 21 राज्यों की यात्रा पर हैं. इस दौरान वह विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री राज्यपाल तथा जिले के जिला पदाधिकारियों के साथ-साथ कई विद्यालयों के सैकड़ों छात्रों के बीच पहुंचेंगे और वहां उन्हें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे. 

लाइट एंड साउंड परिसर में करेंगे पौधरोपण, बच्चों को करेंगे जागरूक :

आशुतोष ने बताया कि शुक्रवार की सुबह 9:00 बजे वह मठिया से निकलकर रामरेखा घाट पहुंचेंगे जहां लाइट एंड साउंड परिसर में उनके द्वारा पौधरोपण किया जाएगा इसके बाद वह निजी विद्यालयों में बच्चों से मुखातिब होंगे तत्पश्चात वह सतीश चंद्र त्रिपाठी के हितन पड़री स्थित आवास पर पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे जिसके बाद शनिवार की सुबह वह आगे के लिए प्रस्थान कर जाएंगे. उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य है कि इस 10 हज़ार किलोमीटर की यात्रा में 10 हज़ार पौधे अपने हाथ से लगायेंगे. इसके साथ ही स्कूल, कॉलेज, इंस्टीट्यूट और सरकारी विभागों के द्वारा ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करवाएंगे.

लग्जरी लाइफ से निकलकर पर्यावरण के लिए सोचें युवा :

आशुतोष ने बताया कि "आज के युवा महंगी गाड़ी, महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप और लग्जरी लाइफ की तरफ भाग रहे हैं. लेकिन हमें यह सोचना होगा कि हमारा जीवन कुछ सेकेंड की ऑक्सीजन के बिना कुछ भी नहीं है. अभी कोविड-19 में हुई दिक्कतों के साथ ही लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि प्रकृति से खिलवाड़ उचित नहीं है. इसके लिए जागरूक होकर सभी को इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है. अन्यथा 2050 तक कम हो रही ग्रीनरी के साथ ही ऑक्सीजन की कमी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन जाएगी."

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