वीडियो : वेतन विसंगति दूर करने समेत कई मांगों को लेकर न्यायिक कर्मियों का सांकेतिक विरोध जारी..

स्नातक उत्तीर्ण न्यायिक कर्मियों को मैट्रिक का स्तर का वेतन मिलता है. न्यायमंडल के द्वारा कई बार वेतन विसंगति दूर करने के लिए मार्गदर्शन भी मांगा गया, लेकिन राज्य सरकार द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पदोन्नति एवं मृत न्यायिक कर्मियों के आश्रितों को अनुशंसा देने में भी आनाकानी की जाती है. 



 





- कहा - राज्य सरकार की आनाकानी से बढ़ी कर्मियों की परेशानी
- चार फरवरी तक जारी है सांकेतिक प्रदर्शन

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बिहार राज्य न्यायिक सेवा संघ के बैनर तले वेतन विसंगति के निराकरण, शेट्टी कमीशन के अनुशंसा को लागू करने, पदोन्नति एवं मृत न्यायिक कर्मियों के आश्रितों को अनुशंसा के आधार पर नौकरी देने जैसी मांगों को लेकर तीसरे दिन भी सांकेतिक विरोध जारी रहा. इस दौरान सभी न्यायिक कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव राज्य सरकार पर बनाया. जिलाध्यक्ष अखौरी राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि एक से लेकर चार फरवरी तक सभी न्यायिक कर्मी सांकेतिक विरोध कर रहे हैं. यदि सरकार फिर भी उनकी मांग नहीं मानती तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.


उन्होंने अपनी मांगों के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के अलग-अलग जिलों के न्यायिक कर्मियों का वेतन अलग-अलग दिया जाता है. साफ तौर पर दिखाई दे रही इस वेतन विसंगति को दूर करने का कोई प्रयास राज्य सरकार के द्वारा नहीं किया जाता. इसके अतिरिक्त शैक्षणिक आधार पर भी वेतन निर्धारित नहीं होता. मसलन स्नातक उत्तीर्ण न्यायिक कर्मियों को मैट्रिक का स्तर का वेतन मिलता है. न्यायमंडल के द्वारा कई बार वेतन विसंगति दूर करने के लिए मार्गदर्शन भी मांगा गया, लेकिन राज्य सरकार द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पदोन्नति एवं मृत न्यायिक कर्मियों के आश्रितों को अनुशंसा देने में भी आनाकानी की जाती है. 

संघ के अध्यक्ष ने बताया कि न्यायिक कर्मियों के द्वारा अपने विरोध के दौरान कार्य को प्रभावित नहीं किया जा रहा, बल्कि आपस में बातचीत करने के लिए भी सुबह न्यायालय अवधि के पूर्व तथा शाम को न्यायालय अवधि के बाद ही सभी एकत्रित होते हैं. दिन में वह केवल सांकेतिक तौर पर काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं.

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