मनुष्य ही नहीं प्रेत योनि से मुक्ति दिलाती है भागवत कथा : डॉ निर्मल स्वामी

प्रथम दिन की कथा सुनाते हुए कहा श्रीमद् भागवत कथा से भगवान के प्रति भक्ति और ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है. भागवत कथा कल्पतरु है तथा श्रवण करते हुए जो  जिस चीज की कामना करता है, उसे वह चीज प्राप्त हो जाती है.





- दो दिनों से जारी है संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा
- कहा - कलयुग में मुक्ति का साधन श्रीमद् भागवत कथा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : विगत 2 दिनों से डुमरांव के श्रीन बाबा ब्रह्मस्थान, कुदरियां में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा संगीतमय के अंतर्गत जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी नारायण आचार्य डॉ निर्मल स्वामी  काशी ने कहा कि भागवत कथा मनुष्य को कौन पूछे प्रेत योनि से भी मुक्ति प्रदान कराती है. भागवत महात्म्य की कथा सुनाते हुए एवं प्रथम दिन की कथा सुनाते हुए कहा श्रीमद् भागवत कथा से भगवान के प्रति भक्ति और ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है. भागवत कथा कल्पतरु है तथा श्रवण करते हुए जो  जिस चीज की कामना करता है, उसे वह चीज प्राप्त हो जाती है.


प्रथम दिवस की कथा में भागवत के मूल वक्ता भगवान सुखदेव जी का जन्म की कथा और शुकदेव परीक्षित संवाद सुनाते हुए कहा कि मृयमाण पुरुष के लिए  भागवत कथा ही उपाय हैं. ध्रुव चरित्र सुनाते हुए कहा कि भागवत की प्राप्ति में उम्र की कोई सीमा नहीं होती. पांच वर्षीय ध्रुव को भगवान ने दर्शन दिया और ध्रुव लोक को प्रदान किया. उपरोक्त कथा में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी संत महात्माओं का भी आवागमन जारी रहा.















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