वीडियो : नगर में चैती छठ की धूम, बाजारों में उमड़ी भीड़, व्रती आज भगवान भास्कर को देंगे पहला अर्घ्य ..

वहीं गोताखोर भी घाट पर तैनात किए जाएंगे. चौक-चौराहों पर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम देखे जा रहे हैं. लोक आस्था के महापर्व में आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. तत्पश्चात अगले दिन यानी कि मंगलवार की सुबह सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आस्था का महापर्व संपन्न हो जाएगा. 




- नगर परिषद ने की है गंगा घाटों की सफाई हुई है बैरिकेडिंग
- नगर में भी किए गए हैं सुरक्षा के व्यापक इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर नजर

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में आज चैत्र माह का छठ पर्व (चैती छठ) हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. छठ की तैयारियों में जुटे लोग बांस के बने सूप, दौरा, डगरा,डलिया, फल के साथ-साथ मिट्टी के बने दीप आदि की खरीदारी कर रहे हैं. गंगा घाटों पर नगर परिषद के द्वारा साफ-सफाई तो कराई गई है गंगा के किनारों पर बैरिकेडिंग भी कराई गई है ताकि लोग गहरे पानी में ना जाए. छठ के दौरान नौका परिचालन व आतिशबाजी पर रोक है. वहीं गोताखोर भी घाट पर तैनात किए जाएंगे. चौक-चौराहों पर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम देखे जा रहे हैं. लोक आस्था के महापर्व में आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. तत्पश्चात अगले दिन यानी कि मंगलवार की सुबह सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आस्था का महापर्व संपन्न हो जाएगा. 


बता दें कि चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरु हुआ जिसके बाद रविवार को खरना का प्रसाद बनाकर ग्रहण करने के साथ ही व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो गया. सोमवार को पहला तथा मंगलवार को दूसरा अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महा अनुष्ठान संपन्न होगा.


बता दें कि ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है. संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी लोग छठ का अनुष्ठान करते हैं. इस दिन भगवान भास्कर के पूजन का विधान है इस पूजन को सूर्य षष्टि और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. बिहार के लोग चाहे कहीं भी रहे वह चैत्र और कार्तिक माह में छठ अवश्य करते हैं. हालांकि, कार्तिक माह शुक्ल षष्ठी को छठ करने वाले लोगों की संख्या चैत्र माह में छठ करने वालों की संख्या से बहुत ज्यादा होती है.

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