ऑटो चालकों से वसूले जाएंगे दो लाख से ज्यादा रुपये, यात्रियों की जेब भी होगी हल्की ..

इस बार भी कथित संयोगवश वसूली का अधिकार उन्ही लोगों के आस पास रहा जो पिछले कई वर्षों से वसूली करते चले आए हैं. उधर, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तथा प्रतिनिधि यही दावा कर रहे हैं कि व्यापक सुरक्षा इंतजामों के बीच सब कुछ पारदर्शी तरीके से हुआ है. 






- नगर परिषद क्षेत्र के चार सैरातों से हुई अब तक बंदोबस्ती
- 14 सैरातों के लिए 24 मार्च को लगेगी बोली

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद की कमाई का मुख्य जरिया माने जाने वाले सैरातों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरु हुई. लेकिन खास बात यह रही कि इस बार भी कथित संयोगवश वसूली का अधिकार उन्ही लोगों के आस पास रहा जो पिछले कई वर्षों से वसूली करते चले आए हैं. उधर, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तथा प्रतिनिधि यही दावा कर रहे हैं कि व्यापक सुरक्षा इंतजामों के बीच सब कुछ पारदर्शी तरीके से हुआ है. 

दरअसल, नगर परिषद कार्यालय में शुक्रवार को सैरातों की नीलामी के लिए बैठक हुई जिसमें दो सैरातों नीलामी की गई. सभा कक्ष में मौजूद मुख्य पार्षद कमरुन निशा, सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्यों के साथ-साथ कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम की मौजूदगी में बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई और मछली बाजार व फेरी लगाकर मछली बेचने वालों तथा चलते फिरते ऑटो से कौड़ी वसूली की बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी की गई. मछली बिक्री करने वालों से एक साल तक वसूली के लिए 63 हज़ार रुपये में बोली लगी जबकि ऑटो से कौड़ी वसूली के लिए 2 लाख 5 हज़ार रुपये की बोली लगी.  ऐसे में यात्रियों की जेब पर भी अतिरिक्त बोझ लदे रहने की उम्मीद है.



मुर्दा घाट से 3 लाख से ज्यादा वसूली का लक्ष्य, बस यात्रियों से साढ़े छह लाख से ज्यादा की वसूली का लक्ष्य : 

पिछले साल यह राशि क्रमशः 61 हज़ार तथा 1 लाख 97 हज़ार रुपये थी. बैठक में अलग-अलग कारणों से 14 अन्य सैरातों की बोली नहीं लगाई जा सकी. जिनके लिए आगामी 24 मार्च को पुनः बैठक होगी, जबकि इसके पूर्व पिछली बैठक में दो सैरातों की बंदोबस्ती हो चुकी है, जिसमें श्मशान घाट की बंदोबस्ती 2 लाख 57 हज़ार रुपये तथा जय प्रकाश बस पड़ाव की बंदोबस्ती 6 लाख 49 हज़ार रुपये में हुई थी.

सैरातों की बंदोबस्ती के साथ ही नगर में फिर से शुरु होगी मनमानी वसूली :

नगर में सैरातों की बंदोबस्ती के साथ ही मनमानी वसूली की परंपरा कायम रहेगी. जबकि नगर वासियों को सुविधा के नाम पर केवल असुविधाएं ही प्राप्त होंगी. बाबा नगर निवासी प्रकाश कुमार बताते हैं कि गोलंबर से सिंडिकेट होते हुए रेलवे स्टेशन तक पहुंचने वाले ऑटो से दो तीन जगहों पर चुंगी वसूली होती है. दबंग ठेकेदार ना सिर्फ चुंगी वसूली करते हैं बल्कि यदि ऑटो पर फल अथवा सब्जी लदीहो तो उसमें भी हाथ मार लेते हैं. यह गुंडागर्दी वाली प्रवृत्ति सरेआम होती है. लेकिन इस पर कोई विरोध करने वाला नहीं होता है. अब यात्री कहते हैं कि प्रशासन के द्वारा निर्धारित 4 रुपये की जगह 15 रुपये का किराया ऑटो वाले क्यों वसूलते हैं? पर ऑटो चालकों के पास भी कोई जवाब नहीं रहता. बात बस पड़ाव की हो अथवा श्मशान घाट की सब जगह लगभग यही स्थिति है. श्मशान घाट पर शवदाह के बाद पंजीयन के नाम पर नगर परिषद तकरीबन 50 रुपये वसूली कराता है. लेकिन, सुविधाओं के नाम पर वहां मूत्रालय, शौचालय तथा पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है.

अभी भी 14 सैरातों की नहीं हुई है बंदोबस्ती :

इसके अतिरिक्त जिन बाजार अथवा सैरातों की बंदोबस्ती नहीं हुई है उनमें रामरेखा घाट से उजियार घाट फेरी लगाने वाले नावों से वसूली, नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत विज्ञापन एवं होर्डिंग से कौड़ी वसूली हेतु बंदोबस्ती, किला मैदान के पास सार्वजनिक शौचालय की बंदोबस्ती, जयप्रकाश बस पड़ाव के पास सार्वजनिक शौचालय की बंदोबस्ती, जयप्रकाश बस पड़ाव के अंदर लगने वाले अस्थाई दुकानों से कौड़ी वसूली की बंदोबस्ती, अंबेडकर बाजार की बंदोबस्ती, महात्मा गांधी बाजार की बंदोबस्ती, नया बाजार की बंदोबस्ती, ताड़ के वृक्ष से ताड़ी उतारने के लिए बंदोबस्ती, रिक्शा, ठेला, टमटम, बैलगाड़ी एवं साइकिल मालिक से कौड़ी वसूली हेतु बंदोबस्ती, बकरा वध गृह की बंदोबस्ती, रामरेखा घाट सीताराम संग्रहालय के पीछे सार्वजनिक शौचालय की बंदोबस्ती, अनुमंडल कार्यालय के पास सार्वजनिक शौचालय की बंदोबस्ती शामिल है. इन सभी में से 10 सैरातों अथवा बाजारों की बंदोबस्ती के लिए बोली नहीं लगाई गई. जबकि चार को अगली बैठक तक के लिए बढ़ा दिया गया.

















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