जब अपनी ड्यूटी पर थे, तभी खबर मिली कि उनकी जमीन पर भू-माफिया कब्जा करने पहुंच गए हैं. किराएदारों को धमकाया जा रहा है. आनन-फानन में वह बक्सर पहुंचे, मगर यहां भी उन्हें राहत मिलती नहीं दिख रही.
- रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मियों पर भी मिलीभगत का आरोप
- किराएदारों को धमकाकर खाली कराने की साजिश
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर में भू-माफियाओं का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. अब तो आलम यह है कि रजिस्ट्री ऑफिस के कुछ कर्मी भी इनके साथ मिलकर आम जनता को परेशान कर रहे हैं. ताजा मामला मच्छरहट्टा पुल के पास से सामने आया है, जहां नेवी ऑफिसर कैप्टन अजीत कुमार राय की जमीन को हड़पने की साजिश रची गई है.
हैरानी की बात यह है कि इस पूरे खेल में फर्जी तरीके से तस्वीर खींची गई, गलत दस्तावेज तैयार किए गए और रजिस्ट्री करवा ली गई. अजीत कुमार राय जब अपनी ड्यूटी पर थे, तभी खबर मिली कि उनकी जमीन पर भू-माफिया कब्जा करने पहुंच गए हैं. किराएदारों को धमकाया जा रहा है. आनन-फानन में वह बक्सर पहुंचे, मगर यहां भी उन्हें राहत मिलती नहीं दिख रही.
थक-हार कर अजीत राय ने अपने भाई ईं. अमित राय के माध्यम से नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने बताया कि वह अमला टोली, रोड वार्ड संख्या 27 के स्थाई निवासी हैं. उसी मोहल्ले में उनकी अपनी जमीन है, जिस पर उन्होंने कुछ दुकानें बनवाई हैं और किराए पर दे रखी हैं. लेकिन भू-माफियाओं ने चालाकी से वार्ड संख्या 22 के किसी प्लॉट की रजिस्ट्री कराते हुए उनके ही प्लॉट के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवा ली और उसे दस्तावेज में चस्पा कर दिया.
इतना ही नहीं, जमीन की चौहद्दी भी अमित राय के प्लॉट के हिसाब से दर्ज कर दी गई. अब इसी बहाने उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है.
नेवी ऑफिसर ने अपने आवेदन में सोहनीपट्टी निवासी नौशाद अली, बमबम पटेल, राकेश कुमार सिंह, अनिल कुमार, रजिस्ट्री ऑफिस के स्थल निरीक्षक आकाश कुमार पटेल समेत कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है. उनका आरोप है कि भू-माफिया उनके किराएदारों को धमका रहे हैं कि यदि एक सप्ताह के भीतर दुकान खाली नहीं की गई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
इधर, मामला सामने आने के बाद रजिस्ट्री ऑफिस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. यह बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब जमीन वार्ड 22 में है तो फिर वार्ड 27 की फोटो लगाकर रजिस्ट्री कैसे कर दी गई? और अगर गलती हो भी गई थी, तो अब तक उसमें सुधार क्यों नहीं हुआ?
जब सब-रजिस्टार असित सिंह से बात की गई तो उन्होंने ऑफिस की किसी भी गलती से इंकार कर दिया. जांचकर्ता अधिकारी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि "फोटो खींचने में गलती हो सकती है, लेकिन इसमें ऑफिस का कोई दोष नहीं है. पीड़ित को पुलिस से शिकायत करनी चाहिए."
जानकार बताते हैं कि रजिस्ट्री ऑफिस में इस तरह की गड़बड़ियां नई बात नहीं हैं. आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं और बड़े अधिकारी उन्हें रफादफा करने में लग जाते हैं. अब सवाल यह है कि आखिर अमित राय को न्याय कब मिलेगा? और क्या प्रशासन भू-माफियाओं और भ्रष्ट तंत्र के इस गठजोड़ पर कोई सख्त कदम उठाएगा?
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