अभी विवाह की रस्में पूरी भी नहीं हो पाई थीं कि 8 मई को सेना की ओर से उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने का निर्देश मिल गया. हालात को देखते हुए त्यागी ने बिना किसी देरी के निर्णय लिया और 9 मई को जम्मू के लिए रवाना हो गए.
- शादी के बाद भी देश सर्वोपरि, जम्मू में संवेदनशील पोस्ट पर तैनाती
- पत्नी ने कहा- गर्व है कि वह देश के लिए हर बलिदान को तैयार हैं
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के नंदन गांव में हाल ही में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहां शादी की खुशियों के बीच देशभक्ति की भावना हावी हो गई. गांव के युवक त्यागी यादव, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं, को अपनी शादी के अगले ही दिन ड्यूटी पर लौटने का आदेश मिला.
त्यागी यादव (26) का विवाह 7 मई को केसठ गांव की प्रिया कुमारी के साथ सम्पन्न हुआ था. अभी विवाह की रस्में पूरी भी नहीं हो पाई थीं कि 8 मई को सेना की ओर से उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने का निर्देश मिल गया. हालात को देखते हुए त्यागी ने बिना किसी देरी के निर्णय लिया और 9 मई को जम्मू के लिए रवाना हो गए.
बताया जा रहा है कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना ने छुट्टियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. त्यागी यादव को बॉर्डर क्षेत्र की एक संवेदनशील पोस्ट पर तैनात किया गया है, जहां स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है.
त्यागी यादव ने ड्यूटी पर लौटने से पहले कहा, "परिवार और विवाह अपने स्थान पर हैं, लेकिन मेरे लिए देश सर्वोपरि है. अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिए जान भी न्योछावर कर दूंगा. यह मौका भले ही भावनात्मक रूप से कठिन है, पर गर्व है कि मेरी जरूरत देश को पड़ी है."
गांव में जवान के इस फैसले की खूब चर्चा हो रही है. घर में अभी भी शादी के मेहमान मौजूद हैं, लेकिन सबका ध्यान त्यागी की कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति पर केंद्रित हो गया है. ग्रामीणों के बीच त्यागी की प्रशंसा की जा रही है और हर कोई उनके इस साहसी कदम पर गर्व महसूस कर रहा है.
इधर, नवविवाहिता प्रिया कुमारी ने भी अपने पति के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, "मैं जानती हूं कि देशसेवा सबसे बड़ा धर्म है. मुझे अपने पति पर गर्व है कि उन्होंने अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी. मैं उनके हर फैसले में उनके साथ हूं."
त्यागी यादव का परिवार लंबे समय से सेना से जुड़ा हुआ है. उनके चचेरे भाई ओम प्रकाश यादव वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तैनात हैं, जबकि उनके मामा मंगल यादव भी सेना में सेवा दे चुके हैं. इस तरह त्यागी का परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा में समर्पित रहा है.
गांव के लोगों का कहना है कि त्यागी यादव ने यह साबित कर दिया कि सैनिकों के लिए व्यक्तिगत खुशी से पहले देश का कर्तव्य आता है. उनकी यह भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी.
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