वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र मोहन श्रीवास्तव उर्फ प्यारेलाल का निधन, सोमवार को न्यायालय में नो वर्क की घोषणा ..

उनके निधन पर अधिवक्ताओं के साथ-साथ न्यायिक कर्मियों के बीच भी दुख का माहौल कायम है. ऐसे में दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अधिवक्ता संघ के द्वारा सोमवार को नो वर्क की घोषणा की गई है.









- हृदय गति रुकने के कारण हुआ अधिवक्ता का निधन
- शोकग्रस्त अधिवक्ताओं ने दिवंगत साथी को दी श्रद्धांजलि

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता चन्द्र मोहन श्रीवास्तव उर्फ प्यारेलाल जी का 65 साल की उम्र में हृदयाघात के कारण निधन हो गया है. मूल रूप से नावानगर प्रखंड के अतिमी गांव निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता वर्तमान में पुराने सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने की गली में रहते थे. व्यवहार न्यायालय के तेजतर्रार अधिवक्ताओं में शुमार प्यारे लाल श्रीवास्तव ने न्यायालय में लंबी सेवा दी थी. वह तकरीबन 15 साल तक लोक अभियोजक भी रहे. अधिवक्ता संघ के महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने कहा कि मृदुभाषी स्वभाव के धनी प्यारे लाल जी एक बड़े भाई की तरह सब के सुख-दुख में शामिल होते थे. उनके निधन पर अधिवक्ताओं के साथ-साथ न्यायिक कर्मियों के बीच भी दुख का माहौल कायम है. ऐसे में दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अधिवक्ता संघ के द्वारा सोमवार को नो वर्क की घोषणा की गई है. सामाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता डॉ श्रवण कुमार तिवारी ने दिवंगत अधिवक्ता के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी.

अधिवक्ता चंद्र मोहन श्रीवास्तव उर्फ प्यारे लाल जी ने गणित विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल करने के पश्चात विधि स्नातक की डिग्री ली थी. उनके पिताजी स्व द्वारिका प्रसाद जी व्यवहार न्यायालय आरा के सिरिस्तेदार थे एवं सेवाकाल में उनका निधन हो गया था. प्यारेलाल जी के बड़े भाई घनश्याम प्रसाद भी व्यवहार न्यायालय बक्सर के सिरिस्तेदार के पद से सेवानिवृत हुए हैं और इस वर्ष 31 जनवरी को उनके अनुज श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव भी व्यवहार न्यायालय बक्सर के सिरिस्तेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए है. अपने वह पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

















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