वीडियो : शोर से परेशान लोगों को राहत देगी पुलिस, जब्त होंगे डीजे और लाउडस्पीकर ..

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि रात के 10:00 बजे के बाद डीजे नहीं बजेंगे. साथ ही अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र भी निर्धारित सीमा के तहत ही बजाए जाएंगे. डीजे की आवाज दिन में भी 55 डेसिबल तक ही रहेगी. यदि आवाज ज्यादा है तो पुलिस ऐसे डीजे अथवा कार्यक्रम संचालक व आयोजक के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करेगी.






- एसपी ने कहा - अश्लील गीत बजाने पर प्रसारित करने वालों पर भी कार्रवाई तय 
- शोर मचाने वाले डीजे संचालकों तथा आयोजकों की बन रही सूची

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अश्लील गानों और डीजे के शोर के विरुद्ध पुलिस काफी सख्त है. अश्लील गीत गाने बजाने और सोशल साइट्स पर शेयर करने पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है और कार्रवाई भी हो रही है. इसी क्रम में डीजे और लाउडस्पीकर के शोर से लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव भी सामने आए हैं. नगर में तो डीजे के शोर से एक व्यक्ति की जान चली जाने की बात भी सामने आई है पिछले ही दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल कुमार त्रिवेदी ने भी रिहायशी इलाके में शोर-शराबा करने का विरोध किया था. पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल ने भी निर्धारित आवाज से ज्यादा शोर करने वाले डीजे और लाउडस्पीकर को जब्त किए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सूबे के अन्य जिलों में यह कार्रवाई शुरू भी हो गई है. बक्सर में भी ऐसे डीजे संचालकों और आयोजकों को चिन्हित किया जा रहा है. लोगों के द्वारा मिली शिकायत अथवा स्वत: संज्ञान लेकर भी उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी. इसके लिए सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है.

पिछले दिनों बिहार राज्य गृह विभाग की विशेष शाखा के द्वारा जारी आदेश के आलोक में बक्सर के एक भोजपुरी गायक के विरुद्ध कार्रवाई हुई थी. उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. उसने किसी महिला गायिका पर अभद्र टिप्पणी करते हुए गाना गाया था. गृह विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि अश्लील गीत लिखने गाने और सोशल साइट पर प्रसारित करने वालों पर कार्रवाई होगी. इसके पूर्व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि रात के 10:00 बजे के बाद डीजे नहीं बजेंगे. साथ ही अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र भी निर्धारित सीमा के तहत ही बजाए जाएंगे. डीजे की आवाज दिन में भी 55 डेसिबल तक ही रहेगी. यदि आवाज ज्यादा है तो पुलिस ऐसे डीजे अथवा कार्यक्रम संचालक व आयोजक के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करेगी.

हरिकीर्तन/जगराता, सभा और पार्टी में भी रखना होगा ध्वनि का ख्याल :  

जानकारों के मुताबिक केवल डीजे बजाना ही शोर-शराबे की श्रेणी में नहीं आता है. इसके अतिरिक्त लाउडस्पीकर अथवा कल-कारखानों से निकलने वाला शोर भी निर्धारित मानक से अधिक हो तो कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. दिन या रात में हरिकीर्तन/जगराता, किसी सभा या पार्टी के दौरान भी शोर मानक के अनुरूप होना चाहिए. अधिवक्ता सत्य प्रकाश राय बताते हैं कि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) 2000 के अनुसार डीजे के शोर के साथ-साथ लाउडस्पीकर अथवा कल-कारखानों से होने वाले शोर की सीमा निर्धारित की गई है इस सीमा से अधिक ध्वनि प्रसारित करने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. औद्योगिक क्षेत्र के लिए लिए यह सीमा दिन में 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल है. वाणिज्यिक क्षेत्र के लिए दिन में 65 डेसिबल और रात में 55 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल जबकि साइलेंस ज़ोन के लिए दिन में 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल है. दिन का समय- सुबह छह से रात 10 बजे तक जबकि रात का समय- रात दस बजे से सुबह के छह बजे तक कहा गया है.


















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