वीडियो : जिले में शब-ए-बारात की धूम, अल्लाह से मांगी जा रही अमन-चैन की दुआ ..

घरों, कब्रिस्तानों, दरगाहों, खानकाहों के साथ मस्जिदों की साफ-सफाई के बाद मंगलवार की रात उसे रोशन किया है. पूरी रात इबादत-ओ-रियाजत करेंगे. अल्लाह की बारगाह में गुनाहों से तौबा यानि कि माफी मांगने के साथ ही अपने गुजर चुके आबा-ओ-अजदाद (पूर्वज) तथा रिश्तेदारों व उम्मते मुहम्मदिया के मगफिरत व मुल्क की तरक्की, खुशहाली व अमनो-अमान की दुआएं मांगी जाएगी.






- असामाजिक तत्वों पर नजर रखने को लेकर किए गए हैं सुरक्षा के इंतजाम
- नगर में वाहन जांच का चलाया जा रहा विशेष अभियान

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले भर में शब-ए-बारात पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है. होलिका दहन के दूसरे दिन आज शब-ए-बारात होने के कारण के असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए विशेष चौकसी बरती जा रही है. नगर थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार नगर की सड़कों पर वाहन जांच अभियान चलाते देखे गए. उन्होंने बताया कि विभिन्न चौक-चौराहों पर वाहनों की जांच की जा रही है. इसके अतिरिक्त चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

शब-ए-बारात के बारे में बताते हुए मदरसा दारूल उलूम अशर्फिया के सेक्रेटरी डॉ निसार अहमद ने कहा कि जिले के मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा घरों, कब्रिस्तानों, दरगाहों, खानकाहों के साथ मस्जिदों की साफ-सफाई के बाद मंगलवार की रात उसे रोशन किया है. पूरी रात इबादत-ओ-रियाजत करेंगे. अल्लाह की बारगाह में गुनाहों से तौबा यानि कि माफी मांगने के साथ ही अपने गुजर चुके आबा-ओ-अजदाद (पूर्वज) तथा रिश्तेदारों व उम्मते मुहम्मदिया के मगफिरत व मुल्क की तरक्की, खुशहाली व अमनो-अमान की दुआएं मांगी जाएगी. पूरी रात इबादत-ओ-रियाजत का सिलसिला जारी रहेगा. देर रात तक दरूद शरीफ, नफ्ल नमाज व तिलावत-ए-कुर्आनपाक करते रहेंगे. अधिवक्ता सरफराज सैफी ने बताया कि शब-ए-बारात इबादत की रात है. इस मौके पर केवल इबादत ही इबादत की जाती है. जहां बुजुर्गों को जन्नत नसीब होने की दुआ की जाती है वहीं अपने मुल्क की सलामती तथा अमन चैन की दुआ की जाती है.

बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के माहे शाबान की चौदह तारीख को दिन तथा पंद्रह तारीख की रात को मनाया जाने वाला पर्व शब-ए-बारात नगर सहित ग्रामीण इलाकों में मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इबादत, तिलावत और सखावत के इस पर्व पर मस्जिदों, कब्रिस्तानों, खानकाहों की खास सजावट की गई है. घरों और मस्जिदों में सजावट की गई तो बुजुर्गों व अजीजों की कब्रों पर रोशनी की गई. इस अवसर पर घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर फातिहाख्वानी कराने, गरीबों व यतीमों को भोजन कराने का रिवाज़ है.

















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