वीडियो : पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि ने किया भ्रष्टाचार के आरोपों को ख़ारिज ..

उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई के पश्चात न्यायालय के द्वारा दिए गए जांच के आदेश और फिर जांचोपरांत निष्कर्ष के आधार पर किया गया है. लेकिन इन आरोपों को मुख्य पार्षद प्रतिनिधि सिरे से खारिज कर रहे हैं. 






- डुमरांव नप की पूर्व चेयरमैन भागमणि देवी पर है वित्तीय अनियमितता का आरोप
- प्रतिनिधि ने कहा मामले को लेकर कर चुके हैं न्यायालय का रुख

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : डुमरांव नगर परिषद की पूर्व चेयरमैन भागमणि देवी के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनके पुत्र सह प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्य पार्षद की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह का षड्यंत्र रचा गया है और उन पर बगैर बजट पारित किए राशि भुगतान करने का आरोप लगाया गया है, जबकि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय और प्रशासनिक जांच पर पूरा भरोसा है. अनुसंधान में पूरी स्थिति न सिर्फ साफ हो जाएगी बल्कि हकीकत खुलकर सामने आ जाएगी.

दरअसल, बजट प्राक्कलन पारित करने को लेकर डुमराव नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने पूर्व मुख्य पार्षद भागमणि देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. यह प्राथमिकी वित्तीय अनियमितता और नियम के विपरीत कार्य करने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्य पार्षद विभा देवी के द्वारा उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई के पश्चात न्यायालय के द्वारा दिए गए जांच के आदेश और फिर जांचोपरांत निष्कर्ष के आधार पर किया गया है. लेकिन इन आरोपों को मुख्य पार्षद प्रतिनिधि सिरे से खारिज कर रहे हैं. 

कार्यपालक पदाधिकारी के अनुपस्थिति में नहीं प्रस्तुत हुआ बजट : 

मुख्य पार्षद प्रतिनिधि का कहना है कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 82 (1) के तहत कार्यपालक पदाधिकारी को बजट का प्राक्कलन तैयार करना है, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने प्राक्कलन तैयार ही नहीं किया. पूर्व चेयरमैन फरवरी माह की शुरुआत में स्वच्छता अभियान की एक बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली गई हुई थी. जहां से वह 10 फरवरी तक वापस भी लौट गई थी लेकिन, बजट के लिए उनके साथ कार्यपालक पदाधिकारी ने कोई पत्राचार नहीं किया.

नहीं था वित्तीय प्रभार तो राशि की निकासी का सवाल कैसे?

मुख्य पार्षद प्रतिनिधि ने बताया किसी भी प्रकार का वित्तीय प्रभार नहीं होने के कारण किसी भी मद में उनके द्वारा राशि की निकासी नहीं की गई है और ना ही किसी तरह के भुगतान का आदेश दिया गया. केवल कोविड-19 के दौरान कर्मियों के वेतन मद में भुगतान हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. जो सुनवाई की प्रक्रिया में है.

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