वीडियो : महंगाई-बेरोजगारी के साथ तेजी से बढ़ रहा कोरोना, अधूरी तैयारियों के साथ बड़ी लड़ाई की योजना #हाल-ए-अस्पताल

बताते हैं कि वेंटिलेटर चलाने के लिए मूर्छक की आवश्यकता है. पहले डॉ अजीत यह पदस्थापित थे. लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने भी लंबी छुट्टी ले ली है. डॉ गुप्ता का यह भी कहना है कि सरकार के तरफ से ही इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में हम क्या कर सकते हैं?






- पूरे बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी, मंगलवार को हुई 52
- सदर अस्पताल में मौजूद हैं छह वेंटिलेटर, चलाने वाला कोई नहीं

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी के साथ-साथ एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है वहीं मंगलवार को संक्रमण ने बिहार में अपना अर्धशतक पूरा किया अब संक्रमित लोगों की कुल संख्या 52 के करीब पहुंच गई है. संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा भी काफी सतर्कता बरतने के दावे किए जा रहे है. मॉक ड्रिल का आयोजन तो किया ही गया साथ ही साथ ऑक्सीजन  उत्पादन संयंत्र, कंसंट्रेटर आदि के उपलब्ध होने की बात कही जा रही  है. इतना ही नहीं संक्रमण के मामलों की निगरानी करने के लिए नियमित रूप से एंटीजन तथा आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है. सीमावर्ती जिलों में भी जहां संक्रमण ने दस्तक दे दी है. हालांकि, बक्सर में अभी तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है. 

अस्पताल में मास्क और सैनिटाइजर भी नहीं :

अस्पताल स्टोर कीपर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अस्पताल में एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट की उपलब्धता है. हालांकि मास्क और सैनिटाइजर अस्पताल में नहीं है. जल्द ही इस संदर्भ में राज्य स्वास्थ्य समिति से मांग की जाएगी. इसके अतिरिक्त करीब 300 की संख्या में पीपीई किट भी अस्पताल में मौजूद है.

बड़ा सवाल कैसे चलेंगे वेंटिलेटर?:

बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के प्रयास से अस्पताल में छह वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि इन जीवन रक्षक यंत्रों को चलाने वाला कोई नहीं है स्वास्थ उपाधीक्षक डॉ आर के गुप्ता बताते हैं कि वेंटिलेटर चलाने के लिए मूर्छक की आवश्यकता है. पहले डॉ अजीत यह पदस्थापित थे. लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने भी लंबी छुट्टी ले ली है. डॉ गुप्ता का यह भी कहना है कि सरकार के तरफ से ही इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में हम क्या कर सकते हैं?

हर दिन 2000 लोगों की कोरोना जांच :

सदर अस्पताल के साथ-साथ पूरे जिले में जो भी मरीज विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में पहुंच रहे हैं उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है. सदर अस्पताल के आरटीपीसीआर टेस्ट लैब में 8 अप्रैल को 993 लोगों की जांच की गई थी वही एंटीजन टेस्ट के द्वारा पूरे जिले में तकरीबन ग्यारह सौ लोगों का टेस्ट किया गया था. हालांकि अस्पताल के लैब और डीपीएम ऑफिस में अलग-अलग आंकड़े बताए जा गए हैं जो जांच को लेकर भी संदेह पैदा कर रहे हैं.

नहीं है कोरोना वायरस वैक्सीन, केवल 32 फीसद ने लिया बूस्टर डोज़ :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजकिशोर सिंह ने बताया कि जिले में कुल चयनित लाभार्थियों में से 90 फीसद ने ही कोरोना की दोनों वैक्सीन ली है. उनमें से केवल 32 फीसद में बूस्टर यानि कि प्रिकॉशन डोज़ ली है. 31 मार्च के बाद अब कोरोना वैक्सीन खत्म हो चुकी है. राज्य स्वास्थ्य समिति के पास भी वैक्सीन की खेप नहीं है. ऐसे में अब यदि कोई बूस्टर डोज लगवाने कोई इच्छुक होते हैं तो उन्हें इंतजार करना पड़ेगा. 

दो उत्पादन संयंत्र कार्यरत, 110 बेड पर सीधे पहुंच रही ऑक्सीजन : 

अस्पताल में दो ऑक्सीजन संयंत्र लगाए गए हैं, जिन से 1000 लीटर प्रति मिनट तथा 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है. इसके माध्यम से 110 बेडों पर पाइपलाइन के माध्यम से डायरेक्ट ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है. इसके अतिरिक्त काफी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी अस्पताल में उपलब्ध हैं. 

कहते हैं प्रभारी सिविल सर्जन :
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ बेड आदि भी व्यवस्था की गई है. मॉक ड्रिल के दौरान उनकी स्थिति जांची गई. आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त होते ही वैक्सीन भी उपलब्ध करा दी जाएगी.
डॉ भूपेन्द्र नाथ 
प्रभारी सिविल सर्जन
बक्सर

वीडियो : 


















Post a Comment

0 Comments