कुमार नयन की स्मृति में बदलते दौर में साहित्य के महत्व पर हुई चर्चा ..

कहा विचारों का प्रदूषण, सामाजिक और राजनीतिक प्रदूषण सर्वत्र व्याप्त हो गया है. ऐसी स्थिति में साहित्य  का महत्व महसूस किया जाना चाहिए. पहले भी देश में परिवर्तन हुए, उसमें साहित्य का ही योगदान रहा. 





- द्वितीय पुण्यतिथि पर याद किए गए गजलगो
- प्रख्यात साहित्यकार को सभी ने दी श्रद्धांजलि

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : प्रगतिशील लेखक संघ तथा ए आइ एस एफ के संयुक्त तत्वावधान में कुमार नयन स्मृति समारोह 2023 का आयोजन स्थानीय सीटी पैलेस हाॅल, कोइरपुरवा में हुआ. कार्यक्रम के दौरान विचार गोष्ठी तथा कवि सम्मेलन का दौर भी चला. विचार गोष्ठी का विषय था -" बदलते दौर में साहित्य का महत्व" कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी तथा बक्सर जिला पेंशनर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश उपाध्याय ने की तथा कुशल संचालन राजेश शर्मा ने किया. विषय प्रवर्तन प्रलेस बक्सर के अध्यक्ष डॉ बी एल प्रवीण ने किया.



अध्यक्षीय भाषण करते हुए गणेश उपाध्याय ने कहा विचारों का प्रदूषण, सामाजिक और राजनीतिक प्रदूषण सर्वत्र व्याप्त हो गया है. ऐसी स्थिति में साहित्य  का महत्व महसूस किया जाना चाहिए. पहले भी देश में परिवर्तन हुए, उसमें साहित्य का ही योगदान रहा. बाद में कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ जिसमें फारूक शैफी ने कुमार नयन की ग़ज़ल पढ़ी. "अंधेरी रात के तारों में ढूंढना मुझको मिलूंगा. दर्द के मारों में ढूंढना मुझको .." अन्य कवि व वक्ताओं में नर्वदेश्वर उपाध्याय, मीरा सिंह मीरा डॉ एस के सिंह, डॉ शशांक शेखर, श्यामा श्री, सुरेश संगम, साबित रोहतास्वी, संतोष भारती, विश्वनाथ यादव, मनोज कुमार, गोविन्द जायसवाल, डॉ मनीष कुमार जायसवाल शशि, सुरेन्द्र सिंह, बबन राजभर, तुषार विजेता  रामेश्वर चौहान, पृथ्वीराज, क्षितिज केसरी, अनुराग, प्रशान्त कुमार आदि मौजूद थे.






Post a Comment

0 Comments