समान काम का समान वेतन देना होगा तथा अध्यापक नियमावली 2023 को वापस लेना पड़ेगा अन्यथा शिक्षक संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलनात्मक कार्रवाई जारी रखेंगे और अब शिक्षक काला बिल्ला लगाकर इस नियमावली का विरोध जारी रखेंगे.
- कहा - सरकार ने किया शिक्षकों को छलने का काम
- कहा - समान काम का समान वेतन दें अन्यथा होगा भारी विरोध
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सरकार को नियोजित शिक्षकों को जिला संवर्ग एवं राज्य कर्मी का दर्जा देते हुए समान काम का समान वेतन देना होगा तथा अध्यापक नियमावली 2023 को वापस लेना पड़ेगा अन्यथा शिक्षक संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलनात्मक कार्रवाई जारी रखेंगे और अब शिक्षक काला बिल्ला लगाकर इस नियमावली का विरोध जारी रखेंगे. यह कहना है बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) मूल के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह और सचिव शाहिद अली का. दरअसल, संघ के बैनर तले बुधवार को कमलदह पोखर पार्क में गांधी प्रतिमा के समक्ष शिक्षकों ने बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली-2023 की प्रतियों को जलाकर विरोध जताया.
उक्त अवसर पर शिक्षक नेताओं ने कहा कि नियमावली कार्यरत नियोजित शिक्षकों के हित में बिल्कुल नहीं हैं. महागठबंधन की सरकार ने शिक्षकों के साथ वादा किया था कि सरकार बनते ही शिक्षकों को नियमित किया जाएगा और उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. शिक्षा मंत्री तो बार-बार कहते रहे कि शिक्षकों को जिला संवर्ग दिया जाएगा और महिला शिक्षकों का स्थानांतरण उनके सुविधानुसार किया जाएगा लेकिन जो नियमावली आई है वह ढाक के तीन पात है. ख़ासतौर पर महिला शिक्षकों के साथ घोर अन्याय किया गया और उनके मान-सम्मान और विश्वास के साथ सरकार ने धोखा किया हैं.
वर्षों से स्थानांतरण की बाट जोह रही महिला शिक्षकों की आशाओं पर पानी फिर गया. एक बार फिर बिहार के शिक्षक राज्य सरकार की साजिश के शिकार हो गए और सरकार ने उन्हें छलने का काम किया. सरकार ने उनके विश्वास के साथ धोखा किया है.
मौके पर संघ के जिला अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह, जिला सचिव शाहिद अली, कोषाध्यक्ष विकास कुमार पंकज कुमार, विकास सिंह, सुनील कुमार, प्रेम सागर मिश्रा, संतोष कुमार वर्मा, विजय कुमार, बबलू वर्मा, अमरजीत सिंह, दीपक कुमार, रामसेवक पाल मोहम्मद नसीफ, मोहम्मद जावेद, सत्येंद्र ओझा, शिवजी दूबे आदि उपस्थित रहे.
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