वीडियो : रोगी के वेश में अस्पताल में पहुंचे सिविल सर्जन तो खुल गई मिशन-60 और मिशन क्वालिटी की पोल ..

गार्ड ने सोए-सोए ही इशारा कर दिया. बाद में जब सिविल सर्जन अस्पताल के अंदर दाखिल हुए तो वहां कोई भी कक्ष खुला नहीं था. फिर दोबारा जब उन्होंने पहली से पूछा तो उसने फिर वैसे ही अनमने ढंग से चिकित्सक कक्ष की तरफ इशारा कर दिया.  तब सीएस ने दरवाजा खटखटाया तो चिकित्सक बाहर निकले वह जीन्स व टीशर्ट पहने हुए थे. 





- अस्पताल से दूर ही छोड़ दी गाड़ी और बॉडीगार्ड, पैदल ही पहुंचे
- उपाधीक्षक, चिकित्सक समेत कई कर्मियों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा ने बीती रात डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल एवं सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया. वह स्वयं मरीज बनकर अस्पताल का हाल जानने पहुंचे थे. टी-शर्ट पहन और गमछा लेकर वह सामान्य नागरिक की तरह ही दिख रहे थे. गाड़ी और बॉडीगार्ड को भी उन्होंने दूर ही छोड़ दिया था और पैदल ही व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत देखने पहुंच गए. लेकिन वहां मिशन-60 और मिशन क्वालिटी की पोल खुल गई.

सीएस ने जीएनएम, सुरक्षा प्रहरी से लेकर चिकित्सक कार्यशैली को नजदीक से महसूस किया. साथ ही साथ अस्पताल में रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं की भी पड़ताल की. सीएस ने बताया कि निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक, दो जीएनएम से समेत डुमरांव व सिमरी में बिना ड्रेस कोड का अनुपालन किए ड्यूटी में मौजूद चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी, सुरक्षा गार्ड तथा आशा कर्मी से कारण पृच्छा की जाएगी और स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

रात 11:00 बजे डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे सीएस तो पड़ा दलालों से पाला :

सिविल सर्जन रात 11:00 बजे एक आम आदमी की तरह डुमराव अनुमंडलीय अस्पताल में दाखिल हुए यहां बाहर ही जीएनएम बैठे हुए थे. उनके साथ दो अन्य लोग भी बैठे हुए थे जब सिविल सर्जन ने यह कहा कि उनकी तबीयत खराब है और वह चिकित्सक से मिलना चाहते हैं तो जीएनएम के साथ बैठे दो लोगों ने यह कहा कि आज रविवार है और पर्ची नहीं कटेगी ऐसे में उन्हें सुबह आना होगा. सीएस ने बताया कि जो. जो 2 लोग बैठे हुए थे वह देखने से दलाल समझ में आ रहे थे. बाद में जब उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है हल्की-फुल्की परेशानी है तब जीएनएम ने उन्हें चिकित्सक कक्ष का रास्ता दिखा दिया.

नींद में पड़ी खलल तो चिकित्सक ने अनमने ढंग से दी दवा, पर्ची भी नहीं बनाई :

सिविल सर्जन ने बताया कि जब वह चिकित्सक कक्ष में पहुंचे तो वहां चिकित्सक टी शर्ट और पैंट पहनकर सोए हुए थे. वह ड्रेस कोड में नहीं थे और जब उनसे यह कहा गया कि उन्हें ब्लड प्रेशर की परेशानी है,जिसके कारण बेचैनी हो रही है तो उन्होंने बिना पर्ची बनाए ही अनमने ढंग से दो टैबलेट्स को उनकी तरफ बढ़ा दिया, जिसे लेकर सिविल सर्जन चुपचाप चिकित्सक कक्ष से बाहर निकले और अन्य कक्षों का निरीक्षण किया. इस दौरान अन्य चिकित्सा कर्मी भी बिना ड्रेस कोड का अनुपालन किए सोए पाए गए. बाद में उन्होंने अपना परिचय दिया तो सभी के होश उड़ गए. सिविल सर्जन ने सभी को ड्रेस कोड का अनुपालन करने का निर्देश दिया.

अनुपस्थित मिले प्रभारी उपाधीक्षक, जीएनएम ने बना बना दी थी अग्रिम हाज़िरी :

सिविल सर्जन ने बताया कि डुमराव अनुमंडलीय अस्पताल में प्रभारी उपाधीक्षक सुमित सौरभ, जीएनएम सरफराज अहमद तथा शारदा कुमारी अनुपस्थित मिली थी. सरफराज जहां हाज़िरी बना कर गायब थे वहीं शारदा कुमारी ने तो आठ मई तक कि हाज़िरी बना दी थी. जिसे देख सीएस भौच्चके रह गए. उन्होंने मौके से ही इन सभी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश मातहतों को दिया.

सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोया मिला गार्ड, चिकित्सक ने बंद रखा था दरवाजा :

सिविल सर्जन रात्रि तकरीबन 12:30 बजे सिमरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वहां बाहर ही उन्हें नाइट गार्ड मच्छरदानी लगा कर सोया हुआ दिखा. बनियान पहने नाइट गार्ड से जब उन्होंने यह पूछा कि उन्हें चिकित्सक से मिलना है तो वह कहां जाएं? तो गार्ड ने सोए-सोए ही इशारा कर दिया. बाद में जब सिविल सर्जन अस्पताल के अंदर दाखिल हुए तो वहां कोई भी कक्ष खुला नहीं था. फिर दोबारा जब उन्होंने पहली से पूछा तो उसने फिर वैसे ही अनमने ढंग से चिकित्सक कक्ष की तरफ इशारा कर दिया.  तब सीएस ने दरवाजा खटखटाया तो चिकित्सक बाहर निकले वह जीन्स व टीशर्ट पहने हुए थे. बकौल सीएस, "वहां सुरक्षाकर्मी से लेकर कोई भी ड्रेस कोड में नहीं था. ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल था कि कौन चिकित्सक है और कौन और कौन आम आदमी?" सीएस ने बाद में सभी को अपना परिचय बताया और तकरीबन एक घंटे तक सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

कभी भी पहुंच सकते हैं सिविल सर्जन :

सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया कि यह औचक निरीक्षण आखिरी नहीं है. यह निरीक्षण नियमित रूप से होता रहेगा. आम रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले यह उनकी वचनबद्धता है और इसे पूरा करने के लिए वह कभी भी और कहीं भी औचक निरीक्षण के लिए पहुंच सकते हैं. सीएस के निरीक्षण के बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. 

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