बताया है कि वह उसे वाराणसी कैंट से लावारिश हालत मिला था चूंकि बसंत का कोई बच्चा नहीं है इसलिए उसने इसे पालने की नीयत से अपने घर में रखा था. इधर बाल कल्याण समिति ने उक्त बच्चें को संरक्षण के लिए ’विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान’ आरा को सौंप दिया.
- 2 मई को गायब हुआ था मासूम, परिजन जोर-शोर से कर रहे थे तलाश
- परिजनों ने कैंट रेल थाने में अपहरण का दर्ज कराया था मामला
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : उत्तर प्रदेश के वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से बीते दो मई को को एक तीन वर्षीय मासूम रहस्यमय ढंग से गायब हो गया था. वह बच्चा जिले के कोरान सराय के समीप स्थित मुंगाव गांव से बरामद हुआ है. बच्चे के गायब होने के बाद वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर स्थित राजकीय रेल पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. लेकिन, मुंगांव के स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर कोरान सराय पुलिस ने बच्चे को गांव के बसंत यादव के घर से बरामद कर उसे चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल कल्याण समिति बक्सर को सौंप दिया. पहले तो बच्चें के बारे में कुछ पता नहीं चला रहा था कि यह कहाँ का बच्चा है? लेकिन बाद में काफी खोजबीन के दौरान उसके माता-पिता का पता चल गया. हालांकि,पुलिस यह भी पता लगा रही है कि बसंत नामक जिस व्यक्ति के घर से बच्चा बरामद हुआ है. इस मामले में उसकी भूमिका क्या रही है.
बसंत ने पुलिस को बताया है कि वह उसे वाराणसी कैंट से लावारिश हालत मिला था चूंकि बसंत का कोई बच्चा नहीं है इसलिए उसने इसे पालने की नीयत से अपने घर में रखा था. इधर बाल कल्याण समिति ने उक्त बच्चें को संरक्षण के लिए ’विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान’ आरा को सौंप दिया. काउंसिलिंग के दौरान ही उक्त बच्चें की पहचान सुनिश्चित करने के लिए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी विभा देवी ने बच्चें को अपने गोद में लेकर उसकी तस्वीर विभिन्न थानों तथा रेल पुलिस के अलावे सोशल मीडिया पर डलवाई. इधर बच्चे के माता पिता ने भी बच्चे के गुम होने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसके बाद उसकी तस्वीर सहित गुमशुदगी की सूचना वाराणसी कैंट, दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर चस्पायी थी. इसी दौरान किसी की नजर उक्त नोटिस के साथ ही वायरल फोटो पर पड़ी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस को जानकारी दी गई. जिसके बाद डुमरांव एसडीपीओ अफाक अंसारी व बाल कल्याण समिति द्वारा वाराणसी कैंट रेल थाने के माध्यम से बच्चें के माता पिता से संपर्क कर यह जानकारी दी गई कि उनका बच्चा सुरक्षित है तथा वह फिलक्त चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के निर्देश पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान आरा में है. इसके बाद उसके माता पिता बक्सर पहुंचे. हालांकि कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण अभी उनका बच्चा उन्हें सौंपा नहीं गया है. उम्मीद है कि मंगलवार तक उन्हें सुपुर्द कर दिया जाएगा. बच्चा सुरक्षित मिलने के बाद दंपति ने डुमरांव एसडीपीओ अफाक अंसारी व बाल कल्याण समिति को धन्यवाद दिया है.
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