आरोपित सिनेमा देखने के लिए घर से लेकर गये. शुशील जब रात में घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने खोजबीन शुरु की. जब कहीं पता नहीं चला तो परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, एक सप्ताह बाद सोमेश्वर स्थान के पास नाले से कई टुकड़ों में बंटा शव बरामद हुआ.
- आजीवन कारावास के साथ प्रत्येक पर 90 हजार रुपये का अर्थदण्ड
- मामले में 22 वर्ष के बाद आया फैसला
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : दोस्त की हत्या कर उसके टुकड़े नाली में बहा देने वाले चार अभियुक्तों के मामले में बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 विजेन्द्र कुमार की न्यायालय में सुनवाई हुई. न्यायालय में पुलिस और दोनों पक्षों के गवाहों की सुनवाई के बाद हत्या के मामले में चारो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी अभियुक्तों पर 90-90 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया है.
सिनेमा देखने के बहाने घर से ले जाकर कर दी थी हत्या :
मामले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि, दिनांक 18 जून 2001 को बक्सर नगर थाना क्षेत्र के चरित्रवन के रहने वाले रघुवंश पांडेय के पुत्र सुशील पांडेय को चारो आरोपित सिनेमा देखने के लिए घर से लेकर गये. शुशील जब रात में घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने खोजबीन शुरु की. जब कहीं पता नहीं चला तो परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, एक सप्ताह बाद सोमेश्वर स्थान के पास नाले से कई टुकड़ों में बंटा शव बरामद हुआ. शिनाख्त के बाद पता चला कि शव सुशील पांडेय का है.
इस मामले में सूचक रघुवंश पांडेय ने चारो अभियुक्तों राजपुर थाना क्षेत्र के गजधरा ग़ांव निवासी महेंद्र पाठक व जितेंद्र पाठक, इसी थाना क्षेत्र के भलुहा निवादी प्रकाश चंद तिवारी, नगर थाना क्षेत्र के चरित्रवन निवासी दशरथ चौधरी खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस की चार्जशीट के बाद न्यायाधीश विजेन्द्र कुमार ने सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर चार अभियुक्तों आजीवन कारावास के साथ ही साथ प्रत्येक के विरुद्ध 90 हज़ार रुपयों का जुर्माना भी लगाया.
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