माता काली की विशेष पूजा कर विश्व कल्याण की प्राथना ..

बुढ़िया काली माता को नगर माता कहा जाता है. तकरीबन सौ साल पूर्व माता की पूजा से नगरवासियों को महामारी से मुक्ति मिली थी. तब से इन्हें नगर माता का दर्जा प्राप्त है.

 





- नगर माता के रूप में विख्यात हैं बाइपास रोड स्थित बुढ़िया काली माता
- महामारी से नगरवासियों की रक्षा के लिए शुरु हुई थी पूजा

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : बैसाख माह के कृष्ण पक्ष नवमी को नगर के बाइपास रोड, सोहनी पट्टी में विराजमान बुढ़िया काली माता के मंदिर का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. जिसमें नगर के तमाम श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान मां का भव्य श्रृंगार कर पूजा तथा आरती की गई और फिर छप्पन भोग लगाया गया. इस दौरान दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. सभी ने भक्ति भाव से माता को नमन किया तथा विश्व कल्याण की प्राथना की.

मंदिर के पुजारी आचार्य सर्वेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्व में मां काली की प्रतिमा एक छोटे से कमरे में स्थापित थी. 2013 में नगर वासियों द्वारा विशाल मंदिर बनवाया गया और मां की पिंडी का स्थापना बैसाख कृष्णपक्ष नवमी को ही हुई थी. तब से हर वर्ष मां काली का स्थापना दिवस मनाया जाता रहा है.

दसवें स्थापना दिवस पर मंदिर की साफ-सफाई के पश्चात मां काली का भव्य श्रृंगार किया गया. जिसके बाद मंदिर कमिटी के अध्यक्ष अशोक कुमार सर्राफ, जितेंद्र राय व सोनी राय द्वारा मां काली का भव्य पूजन मंदिर के पुजारी कृष्णा उपाध्याय, बबलू उपाध्याय, अवकाश उपाध्याय व चीकू उपाध्याय द्वारा करवाया गया. लगभग एक घंटे तक चले पूजन के दौरान अंत में मां की भव्य आरती और प्रसाद वितरण कार्य संपन्न हुआज.

पूजन के दौरान शिवजी खेमका, विनोद वर्मा, लक्ष्मी प्रसाद समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे. स्थापना दिवस पर होने वाले पूजन के दौरान मंदिर के आसपास पूजा के लिए प्रसाद, नारियल के अलावा अन्य छोटे छोटे अस्थाई दुकानें लगी हुई थी. देर शाम मां की भव्य आरती उतारी गई. इस दौरान माता को छप्पन भोग चढ़ाए गए. बता दें कि बुढ़िया काली माता को नगर माता कहा जाता है. तकरीबन सौ साल पूर्व माता की पूजा से नगरवासियों को महामारी से मुक्ति मिली थी. तब से इन्हें नगर माता का दर्जा प्राप्त है.









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