वीडियो : सेवानिवृत्ति के बाद गांव लौटे कारगिल विजेता सैनिक, अब युवाओं में भरेंगे देश प्रेम का जज़्बा ..

ग्रामीणों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया. स्टेशन पर ही उनकी आरती उतारी गई, जिसके बाद वह घर के लिए रवाना हुए. अपने स्वागत से अभिभूत सेना के जवान ने कहा कि वह गांव लौटने के बाद अब युवाओं को प्रशिक्षण देंगे और उन्हें भी सेना में जाने के लिए प्रेरित करेंगे.
डुमरांव रेलवे स्टेशन पर हुआ भव्य स्वागत







- डुमरांव रेलवे स्टेशन पर हुआ भव्य स्वागत
- वर्ष 1997 में सेना में भर्ती हुए थे कोपवा निवासी परविंद

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : भारतीय सेना में 26 वर्ष नौकरी करने तथा कारगिल की लड़ाई में शामिल रहे सैनिक के सेवानिवृत्ति के बाद वापस अपने गांव लौटने पर रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया. बाजा बजाते हुए पहुंचे ग्रामीणों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया. स्टेशन पर ही उनकी आरती उतारी गई, जिसके बाद वह घर के लिए रवाना हुए. अपने स्वागत से अभिभूत सेना के जवान ने कहा कि वह गांव लौटने के बाद अब युवाओं को प्रशिक्षण देंगे और उन्हें भी सेना में जाने के लिए प्रेरित करेंगे.
दरअसल, डुमरांव अनुमंडल के कोपवां गांव निवासी पूर्व सैनिक परविंद कुमार 1997 में सेना नौकरी शुरू की थी. बाद में जम्मू-कश्मीर में पोस्टिंग के दौरान वह कारगिल लड़ाई में भी शामिल हुए इसके बाद देश के कई जगहों पर सेवा देने के पश्चात अंतिम पोस्टिंग असम के तेजपुर में हुई थी जहां से वह हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.

पैसे के लिए नहीं देश सेवा के जज्बे के साथ करें सेना में नौकरी :

सेवानिवृत्त सैनिक ने कहा है कि सेना में नौकरी पैसे के लिए नहीं बल्कि देश सेवा के जज्बे के साथ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को वह संदेश देंगे कि सेना में सेवा देकर देश सेवा का एक मौका जरूर पाने की कोशिश करें.

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