वीडियो : चौसा में एक बार फिर दिखा 2021 वाला मंजर, गंगा में शवों को नोच रहे कुत्ते ..

10 मई 2021 को गंगा नदी में एक साथ सैकड़ो लाशें बह रही थी. बिहार सरकार इन लाशों को उतरप्रदेश की तो उतरप्रदेश की सरकार इन लाशों को बिहार की बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी थी. लेकिन यह बात तो तय है कि मरने वाले लोग इसी हिंदुस्तान के थे. 







- महादेव गंगा घाट के समीप दिखी आधा दर्जन लाशें
- प्रशासन को नहीं है लाशों के बहने की जानकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चौसा प्रखंड के महादेवा गंगा घाट पर एक बार फिर एक साथ आधा दर्जन इंसानों का शव गंगा नदी में बहते दिखाई दिए. इन शवों को आवारा कुत्ते नोच रहे थे. एक साथ इतने शब्दों के बहते देखे जाने की इस घटना ने वर्ष 2021 के कोरोना काल की यादें ताजा कर दी है. जिला प्रशासन ने भले ही यह कहा है कि अब तक लू लगने से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है लेकिन हीटवेव अथवा किसी अन्य बीमारी से हुई सैकड़ों मौतों के बाद लोगों द्वारा शवदाह के आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं. श्मशान में उमड़ी भीड़ को देखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर लोगो ने शव को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया. नदी में बहाव कम होने के कारण शव गंगा घाटों पर आकर लग गए जिन्हें अब कुत्ते अपना निवाला बना रहे हैं. 

गंगा नदी में एक साथ लाशों को बहता देख लोगो सहम गए है. जिलेवासियों को कोरोना काल का वह मंजर याद आने लगा है जब 10 मई 2021 को गंगा नदी में एक साथ सैकड़ो लाशें बह रही थी. बिहार सरकार इन लाशों को उतरप्रदेश की तो उतरप्रदेश की सरकार इन लाशों को बिहार की बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगी थी. लेकिन यह बात तो तय है कि मरने वाले लोग इसी हिंदुस्तान के थे. 3 साल बाद भी सरकार उनकी पहचान करने में नाकाम रही और ना ही मौत की वजह बता सकी. फिलहाल एक बार फिर इस तरह से शवों को गंगा में बहते देख लोग सहम गए हैं. 

क्या कहते है स्थानीय लोग

गंगा घाट पर मौजूद ग्रामीण राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि यह वही गंगा घाट है. जंहा कोरोना की दूसरी लहर में 10 मई 2021 को एक साथ सैकड़ो लाशें बहती मिली थी. अंतराष्ट्रीय स्तर पर बिहार की खूब किरकिरी हुई थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने रातों रात सभी शव को नदी से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराने के बाद गंगा घाट पर ही जमीन में दफना दिया. आज एक साथ फिर कई लाशें नदी घाट पर आकर लगी हुई हैं. भीषण गर्मी से बहुत सारे लोगो की मौत हुई है. लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर लोग है. वह नदी में जल प्रवाह करके चले गए, नदी में बहाव नही होने के कारण सभी शव गंगा घाट पर लग गए है. जब किसी ने इस पर ध्यान नही दिया तो हमलोग ने मीडिया को सूचना दे दी.

कहते हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी : 

इस तरह की कोई सूचना नही है मामले को दिखवा रहे हैं. नदी में शव के जल प्रवाह पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. 

बृज बिहारी कुमार,
प्रखंड विकास पदाधिकारी,
चौसा

वीडियो : 










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