जरीगांवा निवासी थल सैनिक का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई ..

इस मनहूस खबर को सुन ग्रामीण भी मायूस हो गए. संजय मूल रूप से सदर प्रखंड के करहंसी पंचायत के जरीगांवा निवासी मैनेजर चौबे की इकलौती संतान थे तथा काफी मिलनसार प्रवृति के थे. वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो पुत्र तथा एक पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. 

 





- काफी दिनों से बीमार चल रहे थे संजय चौबे
- कोलकाता के अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ निधन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के लाल व थल सेना में हवलदार के पद पर तैनात संजय कुमार चौबे कर्तव्यपथ की बलिवेदी पर चढ़ गए हैं. उनकी तैनाती जम्मू में थी तथा पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. उनका इलाज कोलकाता में चल रहा था. निधन की खबर मिलते ही परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई. इस मनहूस खबर को सुन ग्रामीण भी मायूस हो गए. संजय मूल रूप से सदर प्रखंड के करहंसी पंचायत के जरीगांवा निवासी मैनेजर चौबे की इकलौती संतान थे तथा काफी मिलनसार प्रवृति के थे. वह अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, दो पुत्र तथा एक पुत्री समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. 


ग्रामीणों का कहना है कि संजय बहुत ही व्यवहारिक और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे तथा जब भी छुट्टियों में गाँव आते थे सभी से मिलजुलकर रहते थे. उनके अचानक चले जाने से गांव-समाज को अपूरणीय क्षति हुई है. शुक्रवार को पूरे दिन जरिगांवा में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. 

शहीद जवान के साथी सैनिकों ने सम्मान के साथ पार्थिक शरीर को उनके पैतृक गांव जरीगवा गांव लाया गया. पार्थिक शरीर गांव पहुचते ही गांव के अपने मिट्टी के लाल को देखने को लेकर ग्रामीण बेताब दिखे. गांव से बक्सर श्मशान घाट शव यात्रा के दौरान भारत माता की जय, शहीद जवान अमर रहे के नारे लगते रहे. श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ सैनिकों ने अंतिम सलामी दी. जिसके बाद मृतक की पत्नी 10 वर्षीय पुत्री 8 वर्षीय पुत्र और 6 वर्षीय पुत्र किसान घाट पर पहुंचे. संजय के पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी. मौके पर मौजूद हर एक व्यक्ति की आंखे नम थी. पूर्व सैनिक संघ के सदस्यों ने भी मौके पर पहुंच कर जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किए.







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