इसी अभियान में कुष्ठ रोग के नए मरीजों की भी पहचान की जाती है. मरीजों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि भेदभाव के कारण उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके कारण वह इलाज से भी बचना चाहते हैं.
- सिविल सर्जन के नेतृत्व में समीक्षात्मक बैठक हुई संपन्न
- बक्सर और डुमरांव के शहरी क्षेत्र के कुष्ठ रोगियों की देखभाल पर चर्चा
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन के अंतर्गत शहरी कुष्ठ रोगियों के स्थिति के बारे में समीक्षात्मक बैठक सिविल सर्जन की अध्यक्षता में कुष्ठ कार्यालय में संपन्न हुई. समीक्षात्मक बैठक के दौरान बक्सर और डुमरांव के शहरी क्षेत्र के कुष्ठ रोगियों की उचित देखभाल एवं परस्पर निगरानी करने पर चर्चा हुई.
मौके पर सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि कुष्ठ रोग से जुड़े मिथकों को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जाता है. इसी अभियान में कुष्ठ रोग के नए मरीजों की भी पहचान की जाती है. मरीजों के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि भेदभाव के कारण उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके कारण वह इलाज से भी बचना चाहते हैं.
समीक्षात्मक बैठक में सिविल सर्जन के अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ आर के सिंह, सीओडी शालिग्राम पांडेय, डॉ शैलेश कुमार, डॉ भूपेंद्र नाथ, डॉ सौरभ राय, आनंद मोहन सहाय, एस एम साहिल, नागेश दत्त पांडेय, निर्मल कुमार, सतीश कुमार श्रीवास्तव, शिवांशु राज, हरेंद्र, रुद्र प्रताप समेत कई लोग मौजूद रहे.
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